बलौदा बाजार

वाशिंग पॉउडर बनाकर एवं बेचकर महिलाएं हो रही हैं आत्मनिर्भर
06-Feb-2021 6:00 PM
वाशिंग पॉउडर बनाकर एवं बेचकर महिलाएं हो रही हैं आत्मनिर्भर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 6 फरवरी। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान तहत जिले के विभिन्न महिलाएं स्व-सहायता समूह से जुडक़र सफलता की नई कहानियाँ लिख रही है। तथा अपने सपने को पंख देकर नई उड़ान को तैयार है। जिला प्रशासन एवं जिला पंचायत की एनआरएलएम टीम की सहायता से इन महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर हरसंभव प्रयास किये जा है।

ऐसे ही जिले के सिमगा विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम रावन की दीपा स्व सहायता समूह की महिलाओं ने सामान्य गृहणी से लेकर सफल व्यवसायी तक का सफर तय किया है। उन्होंने वाशिंग पॉउडर निर्माण कर उन्हें बेचकर स्वरोजगार की मिशाल कायम की है। जो जिले के अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणादायक है। समूह की अध्यक्ष श्रीमती टुकेश्वरी साहू ने बताया की हमारे समूह में कुल 11 सदस्य है। सभी गरीब परिवार से सम्बंधित इस समूह की सभी महिलाएं गृहणी के रूप में जीवन यापन कर रही थी। फिर एक दिन इन्हें सक्रिय सदस्य केशर वर्मा एवं क्षेत्रीय समन्वयक के द्वारा बिहान योजना के बारे में पूर्ण जानकारी दी गई। जिससे प्रेरित होकर इन 11 महिलाओं ने स्व-सहायता समूह बनाने का निर्णय लिया और दिनांक 20 मार्च 2015 से ही समूह की गतिविधियां प्रारंभ की गयी। प्रारंभ में समूह के सदस्य साप्ताहिक बैठक कर अपनी छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने हेतु समूह से रही ऋण प्राप्त करने लगे एवं सदस्य मजदूरी कर ऋण को चुकाने लगे फिर भी इन्हें घर चलाने एवं बच्चों की पढऱ्ाइ हेतु बाहर से ऋण लेने की आवश्यकता पड़ ही जाता था।बिहान के क्षेत्रीय समन्वयक द्वारा समूह के सदस्यों को सामुदायिक निवेश निधि सीआईएफ के बारे में जानकारी को दी गई। समूह की कार्यप्रणाली सुचारू रूप से चलने लगी जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें योजना के माध्यम से 75 हजार रुपये राशि प्राप्त हुए।जिसका उपयोग सदस्यों द्वारा स्वयं की गतिविधि प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया। गतिविधि के अंतर्गत वाशिंग पाउडर निर्माण कर विक्रय लक्ष्य रखा गया। परन्तु यह राशि समूह के सदस्यों की घरेलू आवश्यकताओं एवं ऋण चुकाने हेतु पर्याप्त नही था। कुछ माह बाद समूह की महिलाओं की दृढ़ इच्छा को देखते हुए जिला पंचायत की सहयोग से इलाहाबाद बैंक सुहेला से समूह को 2.50 लाख रूपयें की बैंक ऋण दिलाया गया। जिससे वाशिंग पाउडर बनाने के लिए मशीन खरीदा गया। आज यह महिला समूह हर माह 50 हजार रुपये का कच्चा माल लाकर वाशिंग पॉउडर बनाकर घर घर एवं आस पास के बाजारों में सामान बेच रहे है। समूह ने इस वाशिंग पाउडर का नाम प्रज्ञा वाशिंग पाउडर रखा गया है। आज इस व्यवसाय से समूह को प्रत्येक माह 8 से 10 हजार रूपयें का शुद्ध लाभ हो रहा है। जिससे इन महिलाओं को आत्मबल बढ़ा है और इनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ है। भविष्य में इस तरह के कार्य को विस्तार देतें हुए अन्य समूहों को भी इस गतिविधि से जोडक़र उन्हें सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रशासन आगें बढ़ रहे है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news