बलौदा बाजार

14वें वित्त आयोग की राशि के खर्च की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर धरना
26-Feb-2021 5:38 PM
14वें वित्त आयोग की राशि के खर्च की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर धरना

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 26 फरवरी ।
ग्राम पंचायत सेमरिया के जांच अधिकारियों को निलंबित करने व 14वें वित्त आयोग की राशि खर्च का निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर युवा नेता अनिल तिवारी के नेतृत्व में उप सरपंच हितेश्वर श्रीवास, पंच रविकांत पाठक, ग्रामीण जितेंद्र साहू, मनबोध साहू आदि जनपद पंचायत कसडोल के सामने अनिश्चित कालीन धरना पर बैठे। ग्रामीणों का कहना है कि दो जांच अधिकारी नियुक्त कर एक अधिकारी से जांच करना ही मनमानी को प्रदर्शित करता है। पुन: जांच होनी चाहिए।

इस संबंध में अनिल तिवारी व हितेश्वर श्रीवास ने बताया कि समीपस्थ ग्राम पंचायत सेमरिया के सरपंच ने कोरोना काल में 14 वें वित्त राशि का फर्जी बिल वाउचर बना कर भारी दुरुपयोग किया है। जिसकी शिकायत 27 अक्टूबर को जनपद पंचायत कसडोल के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को की गई है।

जांच की मांग करने पर करारोपण अधिकारीद्वय मोहन लाल पैकरा व केपी ध्रुव को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि उक्त जांच अधिकारी के समक्ष 5 नवंबर 2020 को उपस्थित होकर अपना बयान भी दिया हूं किन्तु कोई कार्रवाई नहीं होने पर 5 फरवरी को पुन: मुख्य कार्यपालन अधिकारी कसडोल को आवेदन देकर 15 दिवस के भीतर कार्रवाई करने की मांग की गई थी किंतु कार्रवाई नहीं होने पर 24 फरवरी से धरना पर बैठना पड़ा है जो जांच कार्रवाई तक जारी रहेगा। राशि का किस प्रकार दुरुपयोग किया गया उदाहरण स्वरूप बताया कि कोरोना काल में लगभग 450 लोगों को क्वारंटाइन में रखा गया था। जिनके लिए 10 क्विंटल 80 किलो नमक, लगभग 1 क्विंटल पिसी हल्दी, 1 क्विंटल पिसी मिर्च व हरी मिर्च, जगदीश किराना स्टोर्स से डेढ़ लाख रुपये की हरी सब्जियां, 20 हजार 850 रुपये का सैनिटाइजर जैसे अनेकों फर्जी बिल है। 

अनिल तिवारी ने बताया कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी बसंत कुमार चौबे धरना स्थल पर आकर पुन: जांच कराने की बातें कर धरना को समाप्त करने की बात कह रहे थे। निलंबन की मांग करने पर चले गए। धरना के संबंध मुख्य कार्यपालन अधिकारी से संपर्क करने पर निलंबन की कार्रवाई को अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर बताया। साथ ही जांच से अपने व कलेक्टर को संतुष्ट बताया है। जांच अधिकारी केपी ध्रुव ने बताया कि तुरतुरिया मेला का प्रभारी होने के कारण जांच में शामिल नहीं था। वहीं जांच अधिकारी मोहन पैकरा ने कहा कि अनिल तिवारी जांच में उपस्थित होकर अपना बयान दिया है।
 

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