बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 9 अपै्रल। लॉकडाउन की संभावना को लेकर छपी खबर के बाद शहर के बाजारों में लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सबसे बुरा हाल शहर की सब्जी मंडियों का रहा जहां पर ग्राहक बिना मास्क और बिना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किए ही खरीदारी करने में जुटे रहे। झोला लेकर बाजार में आलू-प्याज की खरीददारी करने वाले लोग भी पूरी बोरी ले जा रहे थे। नतीजा यह हुआ कि दोपहर तक ही थोक दुकानदारों के यहां पूरा स्टाक खत्म हो गया।
आलू-प्याज के थोक व्यापारी ने बताया कि थोक व्यापारियों द्वारा अमूमन दो गाडिय़ों में प्रतिदिन 42 टन माल मंगाया जाता है मगर लॉकडाउन की आशंका के चलते गुरुवार को तीन गाडिय़ों में 63 टन माल आया था जो दोपहर को ही खत्म हो गया। आलू 1200 रुपए क्विंटल का आलू 1400 तक बिका। शुक्रवार को इसके रेट 1600 रुपए क्विंटल तक जा सकते हैं। चिल्हर में यही आलू दो पहले 12 से 14 रुपए किलो था जो गुरुवार को 20 रुपए तक बिका। जिले में लॉकडाउन होने की आहट से शहर की सब्जी मंडी, फुटकर बाजार और बस स्टैंड पर भीड़ जमा हो गई। बाजार से गुड़ाखू और गुटखा गायब हो गया
पिछली बार लॉकडाउन में प्रशासन द्वारा पान मसाले की दुकानों और पान ठेलों को भी प्रतिबंधित किया गया था जो गुटखा-तंबाखू बेचने वालों के लिए कालाबाजारी और कमाई का जरिया बन गया था। कमोबेश यही हाल बिड़ी-सिगरेट का है, दुकानदार बिड़ी के बंडल और सिगरेट के पैकेटों के कई गुना अधिक दाम वसूल रहे हैं। शहर में गुटखा-जर्दा के पाउच 10 से 12 गुना अधिक दामों पर बिक रहे थे। पिछली बार के लॉकडाउन में तगड़े मुनाफे की मलाई खाने वाले दुकानदार स्टाक डंप करने में लगे हैं। बाजार से राजश्री, विमल गुटखा जैसे कुछ ब्रांड तो गायब ही हो गए वहीं गुड़ाखू भी नहीं मिल रही थी। किराना व्यवसायी कैलाश पंजवानी का कहना है कि गुड़ाखू और गुटखों के शौकीनों ने इस बार पिछली बार की तरह भटकना न पड़े इसलिए अपना कोटा कंप्लीट कर लिया है।