बलौदा बाजार
मुख्यमंत्री द्वारा सर्वेक्षण के निर्देश से मुआवजा की किसानों को बंधी आस
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कसडोल, 14 मई। कसडोल तहसील क्षेत्र में इस साल सर्वाधिक करीब 10 हजार एकड़ से अधिक कृषि भूमि में रबी फसल खेती हुई है। किसानों को अच्छी पैदावार को आस बंधी थी । किन्तु अचानक हुई तेज हवा बारिश के साथ ओला वृष्टि ने प्रफुल्लित किसानों के चेहरों को मायूस कर दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा कलेक्टरों को सर्वेक्षण कराकर प्राकृतिक आपदा के तहत मुआवजा प्रकरण तैयार कराने निर्देश जारी कर दिए जाने से किसानों ने राहत की सांस ली है।
राजादेवरी सहित पूरा क्षेत्र प्रभावित
5 मई को अचानक शाम 3 से 4 बजे के बीच अचानक तेज आंधी तूफान बारिश के साथ ब्यापक मात्रा में हुई ओलावृष्टि ने राजादेवरी इलाके के 42 गांव की फसल को चौपट कर दिया है। धान पककर तैयार था और लोग कटाई हार्वेस्टर से कटाई शुरू किए ही थे कि उक्त प्राकृतिक आपदा नें लोगों को हताश और मायूस कर दिया। राजादेवरी क्षेत्र के पूरे गांव ग्रामपंचायत पूर्वी जोंक से बिलारी कुरमाझर छत नगेड़ी नगेडा नगरदा थरगांव कुशभांठा कुशगढ़ खैर गनियारी सोनपुर सहित आश्रित गांव की फसल की बालियां झड़ कर गीले जमीन में पड़े हुए हैं, जिसे न तो उठाया जा सकता और न ही कटाई करनें लायक है । यही हाल पश्चिमी जोंक के ग्रामपंचायत राजादेवरी गोलझर चांदन अमरूवा छतवन रिकोकला डूमरपाली रंगोरा चेचरापाली बया धमलपुरा कोसमसरा कुरकुटी सहित आश्रित गांव कुल 42 गांव पूरी तरह प्रभावित हैं । हालात का जायजा लेने से कमोवेश किसी खेत का 50 प्रतिशत तो किसी खेत का 75 प्रतिशत धान बर्बाद हुआ है।
क्षेत्र के अन्य इलाकों की धान फसल भी प्रभावित
जैसा कि करीब 10 हजार एकड़ कृषि भूमि में रबी फसल का अनुमान है । उसमें आधे से अधिक फसल किसानों ने उक्त ग्रामों में लिया है । पांच मई की बारिश और ओला बृष्टि का प्रभाव 42 गांव की फसल को हुआ था ।जिसमें जंगल क्षेत्र अभ्यारण्य बार नवापारा कोठारी परिक्षेत्र के चरौदा गबौद बडग़ांव आमगांव लोरिदखार देवगांव ढेबी ढेबा मोहदा रवान मुड़पार पाड़ादाह दोन्द सैहाभांठा गुदागढ़ भिंभोरी बफरा तथा सोनाखान तथा अर्जुनी वन परिक्षेत्र के 10-15 गांव के फसल आंशिक रूप से प्रभावित हुए थे, किंतु पिछले सप्ताह भर से बदली बारिश तेज हवा नें भी फसलों की हालत बिगाड़ दियाहै।
मैदानी इलाके की रबी फसल भी प्रभावित
बलार जलाशय में 12 साल बाद लबालब 37 फिट खरीफ फसल के बाद पानी भरा था। जिसके कारण जल संसाधन सम्भाग कसडोल टी सी वर्मा ने किसानों की मांग पर रबी फसल हेतु पानी दिया है । कसडोल नगर सहित आसपास के गांव असनीद हटौद बैगनडबरी कुर्रहा बिलारी आदि ग्रामो के किसान करीब ढाई से तीन हजार एकड़ में धान लगाए है । इसी तरह लवन परिक्षेत्र के ग्राम ओराई बरबसपुर खैरा अर्जुनी दौनाझर घिरघोल आदि ग्रामों सहित छुटपुट मैदानी क्षेत्र के ग्रामों में धान की खेती हुई है, जो सभी गांव की फसल को विगत 1 सप्ताह की तेज हवा बारिश नें नुकसान पहुंचाया है ।
कसडोल तहसील क्षेत्र के फसलों के सर्वेक्षण की आवश्यकता
तहसील क्षेत्र के राजादेवरी 42 गांव को सर्वाधिक नुकसान हुआ है ।किंतु उपरोक्त शेष ग्रामों की फसल भी हवा पानी से नुकसान हुआ है । गुरुवार को शाम 4 से 5 बजे के बीच अचानक आई तेज हवा बारिश और ओला वृृष्टि ने किसानों के मनसूबों पर पानी फेर दिया है । जिसके लिए किसानों ने सर्वेक्षण कराकर मुआवजा देने की मांग उठी है । प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने भी प्राकृतिक आपदा से किसानों के फसल नुकसान को देखते हुए प्रदेश के सभी कलेक्टरों को फसल सर्वेक्षण कराकर मुआवजा प्रकरण तैयार करने का निर्देश जारी किया है ।जिससे कसडोल तहसील क्षेत्र के किसानों को मुआवजा की आस बंधी है । किसानों को सर्वेक्षण दल के पहुंचने का बेसब्री से इंतजार है ।