विचार / लेख

हिंदू जगाकर आप करेंगे क्या?
28-Aug-2021 1:23 PM
हिंदू जगाकर आप करेंगे क्या?

-कनुप्रिया

अपनी पीएचडी के लिए लैब जाना शुरू किया कुछ समय से। बीटीयू नई यूनिवर्सिटी है, सरकारी यूनिवर्सिटी है, फंड्स की कमी है, लैब बस ठीक ठाक है फिर भी बीटेक के छात्रों को देखती हूँ तो मनोयोग से लगे रहते हैं, कम सुविधा में भी प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे होते हैं उसी तरह जैसे कम सुविधा में भी हमारे गरीब खिलाड़ी लगे रहते हैं अपने लक्ष्य के लिए।

 

इन छात्रों को  बढिय़ा लैब्स, बढिय़ा दिशा-निर्देश मिले तो ये क्या न कर दें, न बुद्धि की कमी है, न लगन की, न मन की, ये दुनिया के किसी विकसित देश के छात्रों से कम नहीं।   

मगर हम क्या कर रहे हैं? हम दुनिया से तकनीक, विज्ञान, शिक्षा में मुकाबला नहीं कर रहे, हम जहालत में मुकाबला कर रहे हैं । हमारी चिंता में ये नही है कि हमारे बच्चों के पास वर्ल्ड क्लास यूनिवर्सिटीज नहीं हैं, हमारी चिंता में ये है कि मुसलमान मदरसे में पढ़ रहे तो हम गुरुकुल में क्यों नहीं। होना ये था कि मुसलमान को भी मुख्यधारा में शामिल करना था, क्या वहाँ ब्रेन्स की कमी है? मगर पहले हमने उन्हें महज धर्म और मौलवियों के हवाले किया ताकि वो पढ़-लिख न सकें और अब ये सरकार वही हिन्दुओ के साथ भी कर रही है।

बीजेपी के नेता फेसबुक पर लिख रहे हैं हम हिंदू जगाने आए हैं। सवाल ये है कि जगाकर आप करेंगे क्या? मॉब लिंचिंग करवाएंगे, अपनी राजनीतिक सत्ता का गुंडा बनाएंगे, हिंदू मुहल्ले में मुसलमान की पिटाई करवाएंगे और क्या करेंगे आप जगाकर। न आपके पास उनके लिये  ढंग की शिक्षा व्यवस्था है, न आपके पास विजऩ है कि दुनिया के सबसे जवान देश की युवा आबादी को आखिऱ करना क्या है?न आपके पास उनके लिये नौकरियाँ हैं, न स्किल डेवलपमेंट पर मैंने कोई काम होते देखा। कितने स्टार्टअप सफल हैं? इतना ब्रेन, इतनी ऊर्जा, इतनी शक्ति के लिये क्या प्रोग्राम है आपके पास? अगर सरकारी यूनिवर्सिटीज़ न हों तो मामूली पृष्ठभूमि से आए ये होनहार छात्र क्या करेंगे, महज सडक़ों पर कुंठित होकर दंगा ही करेंगे, हिन्दू मुसलमान करेंगे।

मैं कुछ समय बाद नाराज होकर हिन्दू मुसलमान करने वालों को दफा करती हूँ अपनी लिस्ट से, आप खुद सरकारी स्कूलों में पढ़ लिए, सरकारी कॉलेजों में पढ़े, सरकारी नौकरियाँ कीं, अब जब नई पीढ़ी की बारी आई तो आप कमाने-खाने वाले हो गए, बच्चों को ऊँची फीस दे सकते हैं तब हिन्दू मुसलमान करने लग गए, क्या चाहते हैं आप क्या हो इस देश मे दंगे के सिवा।

अफसोस है कि इस देश के खाए अघाये अधेड़ों के पास कोई विजन नही हिन्दू राष्ट्र के सिवा, आप सोचते हैं कि देश का वातावरण खराब करके महज आपके बच्चे बच जाएँगे, विदेश भिजवा दिए जाएँगे,  मगर आपकी लगाई आग कभी तो आप तक भी पहुँचेगी।
 

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