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सलमान रुश्दी ने न्यूयॉर्क में अपने ऊपर हुए हमले से दो दिन पहले देखा था यह ख्वाब
17-Apr-2024 2:54 PM
सलमान रुश्दी ने न्यूयॉर्क में अपने ऊपर हुए हमले से दो दिन पहले देखा था यह ख्वाब

एलन येंटोब (बाएं) और सलमान रुश्दी के साथ राचेल एलिजा ग्रिफिथ्स

एलन येंटोब-नूर नानजी

बुकर पुरस्कार विजेता लेखक सलमान रुश्दी ने बीबीसी से बातचीत की है।

इस दौरान उन्होंने दो साल पहले हुए उस हमले को याद किया, जिसके बाद उनकी एक आंख की रोशनी चली गई थी। यह हमला अमेरिका के न्यूयॉर्क में आयोजित एक कार्यक्रम के मंच पर चाकू से किया गया था।

हमले को याद कर रुश्दी ने कहा कि उनकी आंख ‘उबले अंडे की तरह’ उनके चेहरे पर लटक गई थी। उन्होंने कहा कि आंख का खोना उन्हें रोज परेशान करता है।

उन्होंने कहा, ‘मुझे याद है कि मैं सोच रहा था कि मैं मर रहा हूं। लेकिन संयोग से, मैं गलत था।’

रुश्दी ने कहा कि जो कुछ हुआ उसके खिलाफ लडऩे के एक तरीके के रूप में वो अपनी नई किताब, ‘नाइफ’ का उपयोग कर रहे हैं।

रुश्दी पर यह हमला अगस्त 2022 में न्यूयॉर्क के एक शिक्षण संस्थान में हुआ था। वहां वे व्याख्यान देने वाले थे।

हमले और हमलावर की याद

हमले को याद करते हुए रुश्दी ने बताया कि कैसे हमलावर तेज़ी से सीढिय़ां चढ़ते हुए ऊपर आया। उन्होंने बताया कि हमले में उनकी गर्दन और पेट समेत शरीर पर चाकू से 12 जगह मारा गया। हमला 27 सेकंड तक चला।

उन्होंने कहा, ‘मैं उससे (हमलावर) लड़ नहीं सकता था। मैं उससे दूर नहीं भाग सकता था।’

उन्होंने कहा कि वे फर्श पर गिर गए, जहां उनके चारों ओर खून पसरा हुआ था।

उन्हें हेलीकॉप्टर से अस्पताल ले जाया गया। वहां उन्हें ठीक होने में छह हफ्ते लगे।

पहले ही देख लिया था हमले का सपना

76 साल के रुश्दी भारतीय मूल के ब्रिटिश-अमेरिकी लेखक हैं। वो आज के समय के सबसे प्रभावशाली लेखकों में से एक हैं। उन पर हुआ यह हमला दुनिया भर की मीडिया में सुर्खियां बना था।

उनकी किताब ‘द सैटेनिक वर्सेज’ का प्रकाशन 1988 में हुआ था। इसके बाद उनकी जान को खतरा पैदा हो गया था। उन्हें कई साल तक छिपकर रहना पड़ा था।

बीबीसी से बातचीत में उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने सोचा था कि एक दिन कोई दर्शकों के बीच से कूदकर बाहर आ सकता है। अगर यह बात मेरे दिमाग में नहीं आती तो यह बेतुकी होती।

उन्होंने कहा कि उन्हें अपने कार्यक्रम से दो दिन पहले हमले के बारे में एक बुरा सपना आया था। इसके बाद वो उस कार्यक्रम में जाना नहीं चाहते थे।

उन्होंने कहा, ‘और फिर मैंने सोचा, यह तो एक सपना है। मुझे लगा कि वो अच्छा पैसा दे रहे हैं। सभी लोगों ने टिकट खरीद लिए हैं। मुझे वहां जाना चाहिए।’

‘रोज परेशान करता है आंख का खोना’

हमले में रुश्दी के लीवर और हाथ में चोट आई। उनके दाहिनी आंख की नसें कट गईं।

उन्होंने कहा, ‘उनकी आंख बहुत सूजी हुई लग रही थी। यह मेरे चेहरे से लटकी हुई थी, मेरे गाल पर बैठा था, मैंने उसे नरम उबले अंडे की तरह और फिर खुद को अंधा पाया।’

रुश्दी ने कहा कि ‘एक आंख खोना मुझे हर दिन परेशान करता है।’ उन्होंने कहा कि सीढिय़ों से नीचे उतरते समय या सडक़ पार करते समय, या यहां तक कि गिलास में पानी डालते समय भी उन्हें अधिक सावधानी बरतनी पड़ती है।

लेकिन वह खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं कि उनके मस्तिष्क को नुकसान नहीं पहुंचा। वो कहते हैं, ‘इसका मतलब यह है कि मैं अभी भी अपने जैसा बनने में सक्षम हूं।’

जिस कार्यक्रम में रुश्दी पर चाकू से हमला हुआ था, उसके संचालक हेनरी रीज ने बीबीसी से कहा कि काश वो हमले को रोकने के लिए कुछ और कर पाते।

रीज ने कहा, ‘आपको ऐसा लगता है कि अगर आपने जल्दी कार्रवाई की होती तो बहुत कुछ रोका जा सकता था।’

लेकिन रुश्दी का उन लोगों के प्रति आभार, जिन्होंने उस दिन उनकी मदद की। इसमें रीज और उनकी देखभाल करने वाले डॉक्टर भी शामिल थे। ‘नाइफ’ के शुरुआती पन्ने से ही यह बात साफ हो जाती है।

वो कहते हैं कि यह किताब सीधे तौर पर उन महिला-पुरुषों को समर्पित है, जिन्होंने मेरी जान बचाई।

क्या यह हत्या का कारण बन सकता है?

रुश्दी ने पहली बार यह बताया कि वह अपने कथित हमलावर से क्या कहना चाहेंगे।

न्यू जर्सी निवासी 26 साल के हादी मतर पर चाकू मारने का आरोप है। मतर ने खुद को निर्दोष बताया है। उनका कहना है कि उन्हें बिना जमानत के हिरासत में रखा जा रहा है।

जेल से ही ‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ को दिए एक इंटरव्यू में मतर ने कहा कि उन्होंने यूट्यूब पर रुश्दी के वीडियो देखे हैं। मतर ने कहा, ‘मुझे ऐसे कपटी लोग पसंद नहीं हैं।’

सलमान रुश्दी की नई किताब

रुश्दी ने अपनी नई किताब ‘नाइफ’ के प्रकाशन से पहले एलन येंटोब को एक इंटरव्यू दिया। इसमें उन्होंने उस चाकू हमले पर विस्तार से बात की, जिसने 2022 में उनके जीवन को करीब खत्म ही कर दिया था।

‘नाइफ’ में रुश्दी अपने हमलावर के साथ एक काल्पनिक बातचीत करते हैं। इसमें वो उनके सवालों का जवाब देते हैं।

वो पूछते हैं, ‘अमेरिका में, बहुत से लोग ईमानदार होने का दिखावा करते हैं, लेकिन वे मुखौटा पहनते हैं और झूठ बोलते हैं। और क्या यह उन सभी को मारने का कारण होगा?’

रुश्दी कभी मतर से नहीं मिले, लेकिन जब इस मामले की सुनवाई शुरू होगी तो अदालत में उनका आमना-सामना होने की उम्मीद है।

इस मुकदमे में देरी इसलिए हुई क्योंकि प्रतिवादी के वकीलों का कहना है कि वे रुश्दी की किताब की समीक्षा करना चाहते हैं, क्योंकि यह सबूत हो सकता है। अब सुनवाई शरद ऋतु में शुरू होने की उम्मीद है।

द सैटेनिक वर्सेज़ इतनी विवादास्पद किताब क्यों थी?

सलमान रुश्दी को 1981 में आई किताब ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रन’ से प्रसिद्धि मिली। उस किताब की अकेले यूके में दस लाख से अधिक प्रतियां बिकी थीं।

उनकी चौथी किताब ‘द सैटेनिक वर्सेज’ में इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद का चित्रण और धर्म के संदर्भ में इसका चित्रण किया गया था। इसे ईशनिंदा माना गया। कई मुस्लिम-बहुल देशों में यह किताब प्रतिबंधित कर दी गई थी।

ईरान के तत्कालीन नेता अयातुल्लाह खोमैनी ने 1989 में एक फतवा जारी किया। इसमें रुश्दी की हत्या करने पर 30 लाख डॉलर का इनाम रखा गया था। उस फतवे को कभी भी रद्द नहीं किया गया।

इसके बाद रुश्दी को करीब एक दशक तक छिपकर रहने के लिए मजबूर होना पड़ा।

रुश्दी इस्लाम को न मानने वाले मुसलमान के घर पैदा हुए थे। वे नास्तिक हैं। वे काफी लंबे समय से बोलने की आज़ादी के मुखर समर्थक रहे हैं।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यह बहुत अधिक कठिन हो गया है। उन्होंने कहा, ‘यह कहते हुए मुझे खेद है कि युवाओं समेत बहुत से लोगों ने यह राय बना ली है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पाबंदी अक्सर एक अच्छा विचार है।’

वो कहते हैं, ‘बेशक, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का पूरा मुद्दा यह है कि आपको उस बात को बोलने की इजाजत देनी होगी, जिससे आप सहमत नहीं हैं।’

रुश्दी याद करते हुए यह बताया कि कैसे जब वो खून से लथपथ थे, तो वे कैसे अपने निजी सामान के बारे में मूर्खतापूर्ण ढंग से सोच रहे थे। उन्हें इस बात की चिंता हो रही थी कि उनका राल्फ लॉरेन का सूट बर्बाद हो रहा है, उनके घर की चाबियां और क्रेडिट कार्ड उनकी जेब से गिर सकते हैं।

रुश्दी पर हमले पर उनकी पत्नी ने क्या कहा

हमले से एक साल पहले, रुश्दी ने अमेरिकी कवि और उपन्यासकार राचेल एलिजा ग्रिफिथ्स से शादी की थी। यह उनकी पांचवीं शादी है।

एलिजा ग्रिफिथ्स ने बीबीसी को बताया कि जब उन्होंने हमले के बारे में सुना तो वह चीखने लगीं। ‘यह मेरी जिंदगी का सबसे खराब दिन था।’

उन्होंने उस वक्त रुश्दी के साथ होने का वर्णन किया, जब डॉक्टरों ने उनकी पलकें सिल दी थीं।

उन्होंने कहा, ‘मुझे उनकी आंखें बहुत पसंद हैं। उन्होंने दोनों आंखों के साथ घर छोड़ा था। और फिर हमारी दुनिया बदल गई। और अब मैं उनकी एक आंख से और भी अधिक प्यार करती हूं क्योंकि वह दुनिया को कैसे देखते हैं।’

डरावनी प्रेम कहानी

रुश्दी ने ‘नाइफ’ को एक प्रेम कहानी के रूप में डरावनी कहानी बताया।

उन्होंने कहा, ‘यहां दो ताकतें टकरा रही थीं। एक थी हिंसा, कट्टरता, कट्टरता की ताकत और दूसरी थी प्रेम की ताकत।’

उन्होंने कहा, ‘और अंत में, जैसा कि मैं समझता हूं, जो हुआ वह यह है कि प्यार की ताकत, अपमान की ताकतों से अधिक मज़बूत साबित हुई।’

रुश्दी ने कहा कि वह फिर से सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होंगे, लेकिन भविष्य में वह अधिक सावधान रहेंगे। सुरक्षा का सवाल पहला सवाल होगा। जब तक मैं इसको लेकर संतुष्ट नहीं हो जाता है, मैं किसी कार्यक्रम में शामिल होने नहीं जाउंगा।

उन्होंने कहा कि वह काफी जिद्दी व्यक्ति हैं।

उन्होंने कहा, ‘मैं प्रतिबंधित या सीमित जीवन नहीं चाहता। मैं अपने तरह से जिऊंगा।’ (bbc.com/hindi)

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