विचार / लेख
-प्रकाश दुबे
द्वापर युग में मुरली वाले युद्ध टालने के लिए द्वारका चल दिए। रणछोड़दास कहलाए। टकराव टालकर रणछोड़दास बनने अब कोई राजी नहीं होता। सुदामा के एक तांदुल यानी चावल पर द्वारकाधीश फिदा हो गए थे। तांदुल खरीदी की मनाही करा प्रधानमंत्री ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री की हेकड़ी निकाल दी है। खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तेलंगाना के मंत्रियों से मिले तक नहीं। मंत्री दिल्ली में डेरा डाले रहे। संसद के गलियारे में तेलंगाना राष्ट्र समिति सांसद केशवराव को टरकाते हुए कहा-अभी समय नहीं है। खबर करेंगे। संसद में मनाही जवाब दिया-सरकार तेलंगाना के चावल की खरीदी नहीं करेगी। अनदेखी से उबलकर चंद्रशेखर राव ने पार्टी सांसदों को सोमवार को संसद में भिडऩे के लिए छू कर दिया। दर्जनों विधायक दिल्ली पहुंचकर अन्य दलों के साथ धूम मचाएंगे। उबले चावल की गुणवत्ता पर केन्द्र सरकार ने सवाल उठाया है। सरकार के पास बहाना है। भारतीय खाद्य निगम चाहेगा तब खरीदी की जाएगी। मंत्री अन्य राज्य में तेलंगाना तांदुल खाने वाले तलाश कर बेच दें!
वफा करके हम तो
भविष्यवक्ता चकित हैं। उत्तर प्रदेश में उनकी मनशा सचमुच भविष्यवाणी बनकर खरी उतर गई। नवाबों का शहर लखनऊ आनंदोत्सव में मग्न था। सुदूर श्रीनगर के राजभवन में जिगर पर हाथ रखकर उन्होंने फरमाया-मुहब्बत में ये क्या मकाम आ रहे हैं? कि मंजिल पर हैं और चले जा रहे हैं। जिगर मुरादाबादी को याद करने वाले शख्स जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आह भरकर कहा-जफा करने वालों को क्या हो गया है? वफा करके भी हम तो शरमा रहे हैं। (जफा यानी विश्वासघात।) दर्दे दिल ने पुकारा- कोई नई जमीन हो, नया आसमां हो। अय दिल उसके पास चलें वह जहां भी हो। राज्य नहीं, विधानसभा नहीं। बजट तो है। सो केन्द्र सरकार ने जम्मू कश्मीर का बजट पारित किया और उपराज्यपाल ने शायरी दोहराई-महबूब वह कि सर से कदम तक खुलूस हो। आशिक वही जो इश्क से कुछ बेगुमां भी हो। (खुलूस मतलब निष्कपट)। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा बीएचयू के स्वर्ण पदक विजेता इंजीनियर हैं। धरती के स्वर्ग के बजट में लपेट कर जिगर मुरादाबादी की शायरी सुनाए जा रहे हैं।
फ्री नहीं, टेक्स फ्री
एक विवेक वह, जिसने प्रधानमंत्री की भूमिका निभाई। न फिल्म चली और न विवेक ओबेराय के राजनीति या फिल्मों में पैर जमे। फाइल यज्ञ में विवेक का अग्निहोत्र सफल रहा। पत्रकारिता की पाठशालाओं और राज्य सरकारों में विवेक को न्योता देने की होड़ जारी है। भारतीय जनसंचार संस्थान में पढ़े विवेक की सहपाठी गौरी लंकेश की परमपिता से मुलाकात करा दी। मुलाकात वालों की फाइल विवेक ने नहीं देखी। दूसरी सहपाठी बरखा दत्त कश्मीर फाइल से नाखुश हैं। मध्यप्रदेशी विवेक को भोपाली कहलाना नापसंद है। अग्निहोत्री मकबूल फिदा हुसैन के खास चहेते रहे हैं। महान चित्रकार की उकेरी राम कथा के नहीं। देवी देवताओं की दिगम्बर चित्रकारी करने पर अनेक विचारशील लोगों ने आलोचना की। हुसैन की हिमायत में तब फाइल खोलू खिलाड़ी विवेक सीना तानकर खड़े हुए थे। मेकिंग ऑफ महात्मा फिल्म की कस्तूरबा पल्लवी जोशी तब तक विवेक की संगिनी हो चुकी थी। अब दोनों दुनियादारी जानते हैं। हरियाणवी विधायक ने मुफ्त फिल्म दिखाने की पेशकश की। घबराए विवेक ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल तक गुहार लगाई-मैंने फिल्म को टेक्स फ्री करने कहा है। मुफ्त दिखाने नहीं।
अभिनेत्री और अभिनेत्री
आसनसोल में शत्रुघ्न को लोकसभा जाने से रोकने के लिए केन्द्रीय मंत्री, मुख्यमंत्रियों सहित सेना तैनात की गई है। मंत्री जो कभी बहू थी, स्मृति ईरानी, मुख्यमंत्री हिमांत विश्व शर्मा जो कभी कांग्रेसी थे। अर्जुन मुंडा, भाजपा के सोशल मीडिया का चक्रव्यूह तैयार करने वाले अमित मालवीय। शत्रुघ्न को लोकसभा चुनाव में पटना में पटखनी लगाने वाले रविशंकर प्रसाद प्रचार करने पहुंचेंगे। त्रिपुरा में तृणमूल नेताओं को सभा न करने देने वाले मुख्यमंत्री बिप्लव देव आसनसोल में उतरेंगे। बाहुबल के बूते पहले तृणमूल और भाजपा की राजनीति करने वाले सांसद अर्जुन सिंह को सदल बल पहुंचने का आदेश जारी किया। पत्नी पूनम को साथ लेकर पहुंचे शत्रुघ्न ने पहली सभा में वादा किया कि सोनाक्षी प्रचार करने जरूर आएगी। अचरज इस बात का है कि सांसद लाकेट चटर्जी का भाजपा की प्रचार सूची से नाम हटा दिया गया। सिने अभिनेत्री लाकेट पश्चिम बंगाल भाजपा महिला शाखा की अध्यक्ष हैं। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव की प्रभारी थीं। दक्षिणेश्वर के पुरोहित की बिटिया लाकेट के पति हिंदू अखबार में काम करते थे। फिर भी गैरजरूरी साबित कर दी गई।
(लेखक दैनिक भास्कर नागपुर के समूह संपादक हैं)