विचार / लेख
-गिरीश मालवीय
कल एक महत्वपूर्ण खबर दब गई... दरअसल कल मध्यप्रदेश की बालाघाट पुलिस ने बूचडख़ाने में ले जाने के लिए गाय-बैलों की तस्करी कर रहे कुछ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया विवेचना में पता लगा कि इनमें बीजेपी की छात्र इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा (क्चछ्वङ्घरू) के स्थानीय नेता भी शामिल हैं।
मामले की जाँच कर रहे पुलिस अधिकारी ने कहा, कि ‘मुख्य आरोपी मनोज और अरविंद गायों और अन्य जानवरों की मौबाजार (बालाघाट में पशुबाजार) से खरीदी करते थे। बाद में ये चरवाहों की मदद से मवेशियों को महाराष्ट्र सीमा पर मौजूद बोदालकासा गांव में ले जाते थे। यहां से एक व्यापारी पशुओं को महाराष्ट्र के बूचडख़ानों में भेजता था।’
बालाघाट पुलिस के एसपी अभिषेक तिवारी ने कहा, ‘हम मामले की जांच कर रहे हैं। यह गायों की तस्करी का संगठित गिरोह है। पुलिस आरोपियों को पकडऩे की कोशिश में है।’ मनोज परधी भाजयुमो का एक महासचिव बताया जाता है।
शायद आपको याद हो कि मशहूर पत्रकार निरंजन टाकले ने लगभग दो साल पहले अनेक पत्रकारों के सामने अपने एक उद्बोधन में यह खुलासा किया था कि संघ से जुड़े बजरंग दल के लोगों द्वारा चलाया गया जबरन वसूली नेटवर्क पशु व्यापारियों से पैसे कैसे वसूलता है !
इस सच्चाई का पता लगाने के लिए, उन्होंने खुद को लगभग 3 महीने तक रफीक कुरैशी नाम के एक मुस्लिम पशु व्यापारी के रूप में पेश किया .....ओर स्वंय इस नेटवर्क का हिस्सा बनकर राजस्थान और गुजरात के जानवर मंडी से मवेशियों को लाने ले जाने में शामिल रहे।
इस तीन महीनों के दौरान उन्होंने यह देखा कि बजरंग दल ट्रकों को रोककर जबरन वसूली में लगा है। अगर गाय का ट्रक लेकर पार करना है, तो साढ़े चौदह हजार से पंद्रह हजार तक देना होता है। भैंस का ट्रक पार करने के लिए साढ़े छह हजार और पारों के लिए पांच हजार तक की रकम देनी पड़ती है।।
निरंजन टाकले ने यह भी खुलासा किया कि जैसे बजरंग दल के नेता और उनके लोग अपनी इस उगाही को कायम रखने के लिए बीच-बीच में किसी को भी मार देते हैं, ताकि इस व्यापार पर उनका कब्जा बना रहे लोगों में डर बना रहे और उनका कारोबार चलता रहे।
यह है इन तथाकथित गौसेवकों की सच्चाई.....