विचार / लेख

उत्तराखंड सीएम पर गैरइरादतन हत्या का केस क्यों नहीं ?
17-Mar-2021 5:44 PM
उत्तराखंड सीएम पर गैरइरादतन हत्या का केस क्यों नहीं ?

-गिरीश मालवीय
पूरी दुनिया में लॉकडाउन का विरोध होता है पर मैंने कभी नहीं सुना कि भारत जैसे बड़े देश के किसी शहर में लोग संगठित रूप से सडक़ पर उतरे हो... यहाँ सरकारें एक से बढक़र एक परस्पर विरोधी निर्णय लेती हैं लेकिन जनता इसको भी सही मानती है और उसको भी सही मानती है, अब आप ही देखिए कि उत्तराखंड का मुख्यमंत्री कहता है कि आप बिना निगेटिव रिपोर्ट के कुम्भ में शामिल होने के लिए हरिद्वार आ जाइये हम आपको नहीं रोकेंगे, वहीं दूसरी ओर राजस्थान सरकार कहती है कि इन इन राज्यों के व्यक्ति बिना कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट बताए हमारे राज्य में प्रवेश न करे।

बंगाल में राजनीतिक रैलियों में कितने भी लोगों के इकट्ठे होने की छूट है लेकिन मध्यप्रदेश में शादी 250 से अधिक लोग एक साथ सम्मिलित नहीं हो पाएंगे।

कुछ लोग यहाँ चिढ़ जाएंगे जब मैं एक ओर तुलना करूँगा आपको याद होगा कि पिछले साल इन्ही दिनों दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात का सम्मेलन आयोजित किया गया था, उस फंक्शन में हजारों लोग देश-विदेश से इकठ्ठा हुए थे, हम सभी जानते हैं कि उसके बाद क्या हुआ।

जो लोग कोरोना के उस दौर में वहाँ आकर फंस गए उनके लिये हमारे मीडिया ने कहा कि वे वहाँ ‘छुप’ हुए हैं ओर कोरोना फैला रहे हैं तब दिल्ली के केजरीवाल सरकार तब्लीगी जमात के कोरोना पीडि़तों के नाम अलग से जारी करती थी, उस वक्त इस सम्मेलन के आयोजनकर्ता मौलाना साद पर सम्मेलन आयोजित करने के लिए गैरइरादतन हत्या का आरोप लगाया गया, दिल्ली पुलिस के हिसाब से वह आज भी कही छुपे हुए हैं, उनकी गिरफ्तारी का एक साल बाद भी कुछ लोग बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

लेकिन उन्हीं लोगों से यदि कुंभ की बात करेंगे तो बिल्कुल दूसरी ही बात करेंगे, जब 12 साल पहले हरिद्वार में कुंभ हुआ था तो आप जानते है कि कितने लोग वहाँ स्नान करने गए थे ?..... हरिद्वार के कुंभ मेले में उस वक्त  सात करोड़ से भी अधिक लोगों ने भाग लिया था ? दो साल पहले हुए इलाहाबाद संगम के कुम्भ में 22 करोड़ लोगों के आने की बात प्रशासन कर रहा था।

चलिए मान लेते हैं कि बिना कोरोना निगेटिव की रिपोर्ट के 22 करोड़ तो नही पिछली बार जितने सात करोड़ लोग ही आएंगे, चलिए चार करोड़ लोग ही मान लीजिए...... तो क्या होगा !.....वहाँ से पूरे देश में कोरोना नहीं फैलेगा ? क्योंकि आपने तो हमेशा ऐसा ही बताया है कि भीड़ भरे स्थानों में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता है।

हरिद्वार में जहाँ कुम्भ आयोजित होता है वह अन्य शहरों के धार्मिक स्थलों की अपेक्षा बहुत संकरा और बेहद घनी आबादी वाला क्षेत्र है, सम्भव ही नहीं है कि वहाँ कोई सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन हो पाए।

पूरे देश में कोरोना मरीजों की संख्या को बढ़ता हुआ दिखाया जा रहा है ऐसे में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री महाकुंभ में कोविड निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता खत्म कर रहे हैं और अधिक से अधिक श्रद्धालुओं के हरिद्वार पहुंचने के आह्वान कर रहे हैं।

अब न्याय की दृष्टि से बताइये कि इन पर भी मौलाना साद की तरह गैर इरादतन हत्या का आरोप लगा कर मुकदमा कायम क्यों नहीं किया जाए !....... जबकि मौलाना साद ने तो जब निमंत्रण भेजा होगा उस वक्त कोरोना का इतना भय भी नहीं था लेकिन आज की सिचुएशन तो सभी को मालूम है कि चार करोड़ की भीड़ जब हरिद्वार में इकट्ठा होगी और जब वापस अपने-अपने घर जाएगी तब क्या होगा ?

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