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बिहार विधानसभा में नए बिल को लेकर घमासान
26-Mar-2021 12:25 PM
बिहार विधानसभा में नए बिल को लेकर घमासान

PHOTO NEERAJ PRIYADARSHY

-सुसंस्कृति परिहार

जब देश शहीदेआज़म भगत सिंह और राम मनोहर लोहिया को शिद्दत से याद कर रहा था।उसी महत्वपूर्ण दिन सडक़ से विधानसभा तक विशेष सशस्त्र बल पुलिस बिल 2021 के विरोध में बिहार विधानसभा में महागठबंधन के तमाम साथियों के विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष को घेर लिया उन्हें सदन में आने नहीं दिया गया इससे डबल इंजन की सरकार के मुखिया को इतना गुस्सा आया कि उन्होंने सशस्त्र पुलिस बल को ना केवल बुलाया बल्कि पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर की मौजूदगी में विपक्षी विधायकों की लात घूसों से जमकर पिटाई कराई। यह बिहार के लोकतांत्रिक इतिहास में कलंक की तरह दर्ज हो गया। बिहार का वैशाली लोकतंत्र का जन्मदाता स्तब्ध देखता रह गया जब जनप्रतिनिधियों जिनमें महिलाएं भी शामिल थी बेज्जत की गईं। सदन से निकलते रक्तरंजित विधायक स्ट्रेचर पर नजर आए।

हालांकि बिहार में विपक्षी पार्टी आरजेडी लगातार नीतीश कुमार सरकार को अलग-अलग मामलों पर घेरती रही है। मंगलवार को आरजेडी ने बेरोजगारी, करप्शन, लॉ एंड ऑर्डर जैसी समस्याओं को लेकर विधानसभा घेराव का नाम देकर मार्च निकाला था। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ मार्च में शामिल हुए। पटना में कार्यकर्ता डाक बंगला चौराहा तक पहुंच गए। वहां जब पुलिस ने आगे बढऩे से रोका तो बैरिकेडिंग को तोडऩे का प्रयास किया गया। पुलिस ने वॉटर कैनन चलाए। भीड़ की तरफ से जमकर ईंट और पत्थर बरसाए गए। कई पुलिसवाले और पत्रकार भी घायल हो गए। इसके बाद पुलिस ने जबाब में लाठीचार्ज किया। आरजेडी कार्यकार्ताओं को जमकर पीटा गया। लाठीचार्ज में आरजेडी कार्यकर्ताओं और कई विधायकों को भी चोटें आईं। दो घंटों के मशक्कत के बाद पुलिस आरजेडी कार्यकर्ताओं को हटाने में सफल रही। सडक़ के बाद बिहार सदन में भी जबरदस्त हंगामा हुआ। विधानसभा में बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 बिल लाया गया था। इसके विरोध में आरजेडी विधायकों ने जमकर हंगामा किया। बिल की कॉपी फाडक़र विधानसभा अध्यक्ष के ऊपर फेंक दी। हंगामा थमता न देख सदन की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। आरजेडी विधायक यहीं नहीं रूके। विधानसभा में रिपोर्टिंग टेबल को तोड़ डाला। कार्यवाही फिर रोकनी पड़ी। आरजेडी विधायकों ने उग्र तेवर दिखाते हुए विधानसभा अध्यक्ष को ही उनके चैंबर में एक तरह से बंधक बना लिया। विधानसभा अध्यक्ष 4 बजे से शुरू होने वाले कार्यवाही के लिए निकलना चाह रहे थे, लेकिन आरजेडी विधायक चैंबर के दरवाजे पर ही जाकर बैठ गए।

आरजेडी विधायक जब काफी कोशिशों के बावजूद नहीं माने तो विधानसभा में डीएम और एसपी को बुलाया गया। डीएम-एसपी ने भी उग्र विधायकों को समझाने की कोशिश की। विधायक अड़े रहे। बाद में बड़ी संख्या में पुलिस जवानों को सदन के भीतर बुलाया गया। पुलिस ने हंगामा कर रहे विधायकों को बाहर निकालने का काम किया। आरजेडी नेता राबड़ी देवी ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘पूर्व मंत्री हमारी महिला विधायक अनिता देवी जी को निर्लज्ज नीतीश कैसे घसीटवा रहे है। इसी क्रम में साड़ी भी खुल जाती है। तुमने आज ये जो चिंगारियाँ भडक़ाई है कल यही चिंगारियाँ तुम्हारे काले काल के काले सुशासन को जला कर भस्म कर देंगी। बिहार हिसाब करेगा और जल्द. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा प्रजातंत्र की हत्या हुई है। देशवासी अगर आज भी नहीं जागे तो प्रजातंत्र देश में नहीं बचेगा। गुंडागर्दी अब बीजेपी और जेडीयू का रास्ता बन गई है। बिहार के जहानाबाद में माले नेताओं ने विहार विधान सभा में हुए जमकार बवाल के खिलाफ धिक्कार मार्च निकाला। संसद के सभी नियमों, परंपराओं को ताक पर रखकर हथियारबंद पुलिस, एसपी-डीएम को सदन के अंदर बुलवाकर नीतीश सरकार ने विपक्षी विधायकों की जमकर पिटाई कराई। नीतीश सरकार ने लात-घूंसे से पीटते हुए सदन से बाहर करने, महिला विधायकों की साड़ी, बाल खींच कर पिटाई करते हुए सदन से बाहर फेंकवा कर लोकतंत्र का गला घोट दिया है।

मणिपुर के विशेष सुरक्षा सशस्त्र बल की कहानी बरबस याद आती है जब इस बल के द्वारा इम्फाल में 19 नौजवानों को सिर्फ भीड़ में होने के करण  सशस्त्र बल ने गोलियों से भूंज डाला था जिसका प्रतिकार इरोम चानू शर्मिला ने कई साल सत्याग्रह कर भी नहीं इस कानून को हटवा पाईं। हां उसका मुख्यालय जरूर इम्फाल से बाहर किया गया। इसी तरह के अधिकार से लैस यदि बिहार सशस्त्र पुलिस बल हुआ तो बिहार का क्या होगा। जरूरी है उसके अधिकारों पर सरकार खुली बहस करे। विपक्ष को भी गंभीरता से सुने। हंगामा होना स्वाभाविक है पर जनता के प्रतिनिधियों के साथ हुए इस सलूक के लिए सरकार को माफी मांगनी चाहिए। वरना असंतोष बढऩा ही है। विपक्ष का लोकतांत्रिक अधिकार है कि उसके विचारों को सुना और समझा जाए। आज जनप्रतिनिधियों का ये हाल हुआ कल यदि ये बिल पास हो गया तो जनता का क्या हश्र होगा?

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