राजनांदगांव

25 गांवों की 7 समितियां दूध बेचकर बन रही आर्थिक सशक्त
07-Aug-2021 5:02 PM
25 गांवों की 7 समितियां दूध बेचकर बन रही आर्थिक सशक्त

कलेक्टर ने दुग्ध शीतलीकरण प्रक्रिया की ली जानकारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 07 अगस्त।
ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं अब स्वसहायता समूह में संगठित होकर आर्थिक गतिविधियां तथा व्यवसायिक कार्य सफलतापूर्वक कर रही है। छुईखदान विकासखंड के मां बम्लेश्वरी दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति एक अच्छा उदाहरण है। यहां की महिलाएं स्वयं प्रशिक्षित होकर कार्य कर रही है। साथ ही अन्य क्षेत्रों की महिलाओं को प्रशिक्षण देकर इस कार्य में दक्ष बना रही है। यह राज्य की पहली सहकारी समिति है। जिसमें सभी महिलाएं काम कर रही है। इस समूह की महिलाएं ग्राम संडी में दुग्ध शीतलीकरण केन्द्र संचालित कर रही है। देवभोग दुग्ध महासंघ के माध्यम से यह समिति इस केन्द्र को सफलतापूर्वक चला रही है। केन्द्र में आसपास की महिलाएं दुग्ध विक्रय करती है। इसके बाद दुग्ध देवभोग दुग्ध महासंघ में भेजा जाता है।

कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने ग्राम संडी में दुग्ध शीतलीकरण केन्द्र का अवलोकन किया और दुग्ध शीतलीकरण प्रक्रिया की जानकारी ली। उन्होंने मशीन की कार्य प्रणाली एवं सहकारी समिति की महिलाओं के कार्यों की जानकारी ली। कलेक्टर ने कहा कि यहां की महिलाएं अच्छा कार्य कर रही है। अन्य ग्रामों की महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर इस कार्य को कर सकती है। गौठान की स्वसहायता समूह की महिलाओं को भी इस कार्य के लिए प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियां गौठानों में भी प्रारंभ किया जा सकता है। उन्होंने मां बम्लेश्वरी महिला दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति में महिलाओं को प्रशिक्षण देने के लिए प्रशिक्षण केन्द्र बनाने अधिकारियों को निर्देश दिए। इसके लिए आरईएस विभाग के अधिकारी को प्रशिक्षण केन्द्र के लिए स्टीमेट तैयार करने कहा। इस दौरान पद्मश्री फुलबासनबाई यादव ने स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।

मां बम्लेश्वरी दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति की सदस्य धनेश्वरी वर्मा ने बताया कि केन्द्र में आसपास अनेक गांव की महिलाएं दुग्ध विक्रय करती है। इस दुग्ध को एकत्रित कर देवभोग दुग्ध महासंघ को भेजा जाता है। उन्होंने बताया कि 25 गांव की 7 समितियां दुग्ध उत्पादन कर यहां विक्रय करती है। इसके साथ ही अन्य दुग्ध उत्पादक भी यहां दुग्ध विक्रय करते हैं। दुग्ध विक्रय केन्द्र बनने से पशुपालकों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि केन्द्र में प्रतिदिन अधिकतम 1800 लीटर दुग्ध का संग्रहण होता है। समिति को प्रतिवर्ष डेढ़ लाख रुपए आमदनी प्राप्त होती है। वहीं नस्ल सुधार का कार्य भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्राम संडी में बड़ी संख्या में पशुपालक किसान है, जो उन्नत नस्ल की गाय पाल रखे है। जिनसे प्राप्त दुग्ध को केन्द्र में ही विक्रय करते हैं।
इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ लोकेश चंद्राकर, एसडीएम छुईखदान निष्ठा पांडेय तिवारी, सीईओ जनपद खैरागढ़ प्रकाश तारम, तहसीलदार त्रिभुवनराम वर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
 

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