राजनांदगांव
![जेल की बैरकों पर दोगुने बंदियों का भार जेल की बैरकों पर दोगुने बंदियों का भार](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1629793205ail_Gaet.jpg)
जिला जेल (फाईल फोटो)
156 के मुकाबले 300 कैदी सलाखों के पीछे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 अगस्त। राजनांदगांव जिला जेल में बंदियों की बढ़ती तादाद से बैरकों पर भार बढ़ गया है। अलग-अलग आपराधिक मामलों में चुनिंदा ही सजायाफ्ता हैं। ज्यादातर न्यायिक फैसलों के इंतजार में अभिरक्षा में सलाखों के पीछे हैं। बताया जा रहा है कि हर बैरकों में दोगुने बंदियों को रखा गया है। बंदियों की बढ़ती संख्या के कारण विचाराधीन कैदियों और सजा के बाद कारावास काट रहे बंदियों के लिए परेशानी बढ़ गई है।
बताया जा रहा है कि जेलबंदियों को कई व्यवहारिक दिक्कतें हो रही है। राजनांदगांव जिला जेल की क्षमता 156 बंदियों की है। वर्तमान में 315 कैदी बैरकों में रखे गए हैं। जेल प्रबंधन के सामने बंदियों को आरामदायक सुविधा देने का दबाव बढ़ा है। 315 कैदियों में सिर्फ गिनती के 4 कैदी ही सजायाफ्ता हैं। बाकी न्यायिक अभिरक्षा के तहत जेल में बंद हैं।
इस बीच पिछले डेढ़ साल से कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से भी कई तरह की समस्या बंदियों के सामने खड़ी हुई है। रक्षाबंधन के दौरान भी कई कैदियों की कलाई सूनी रही। जेल प्रबंधन ने बीते साल भी रक्षाबंधन के लिए बंदियों की मुलाकात पर रोक लगा दी थी। इस साल भी बंदी बहनों से नहीं मिल पाए। जिला जेल में कोरोना संक्रमण के कारण स्थिति काफी नाजुक रही।
बताया जा रहा है कि जेल प्रबंधन ने सटीक रणनीति के तहत कैदियों को वैश्विक महामारी से बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस बीच राजनांदगांव जिला जेल में कैदियों की तादाद बढऩे के कारण प्रबंधन पर नए बैरकों का निर्माण करने का भी दबाव झेलना पड़ रहा है। गुजरे 5 सालों में नए बैरक भी बनाए गए हैं। जेल के बाहर बढ़ी आपराधिक गतिविधियों के कारण कैदियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मौजूदा जेल अधीक्षक एसएल नेताम अपने सीमित स्टॉफ के साथ जेल की व्यवस्था और सुरक्षा को लेकर बड़े अफसरों से समय-समय पर चर्चा भी कर रहे हैं। बैरकों में बंदियों की बढ़ती संख्या से प्रबंधन स्वाभाविक रूप से परेशान हैं।