राजनांदगांव

अल्प वर्षा : अंबागढ़ चौकी में अकाल की स्थिति, किसान चिंतित
27-Aug-2021 5:24 PM
अल्प वर्षा : अंबागढ़ चौकी में अकाल की स्थिति, किसान चिंतित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
अंबागढ़ चौकी, 27 अगस्त।
मानसून के रूठने व सावन भर पानी नहीं आने से अब क्षेत्र में अकाल का साया मंडराने लगा है। किसानों का कहना है कि अब बारिश हो भी गई तो कोई काम का नहीं है। यह जरूर हो सकता है कि पानी आने से जल स्तर में बढ़ोतरी हो जाए और पीने के पानी व निस्तारी की समस्या से लोगों को राहत मिल जाए, लेकिन किसानों का कहीं कोई भला नहीं होने वाला है, जब पानी की जरूरत थी, तब खेत को पानी नहीं मिला। हमारी इस साल की किसानी खत्म हो गई और चिंता इस बात की है कि हम अपना व अपने परिवार का गुजारा किस तरह करें। अकाल पड़ गया है। अब हमें पाई-पाई व दाने-दाने के मोहताज होना पड़ेगा।

अल्प वर्षा से इस बार ब्लॉक के डेढ़ सौ गांव में अकाल का साया मंडराने लगा है। चिल्हाटी के किसान विनोद त्रिपुरे व केसरीटोला के किसान ने बताया कि अल्प वर्षा से इस बार अकाल की नौबत आ गई है। 
थुहाडबरी के किसान सुरेश यादव ने बताया कि पानी के अभाव में उसकी दस एकड़ की किसानी व खेती चौपट हो गई है। 

केसरीटोला के तुरीत तिवारी ने बताया कि हमारे गांव में तो इस साल बियासी व रोपा भी नहीं हुआ। कुछ इस तरह की ही बातें चिल्हाटी क्षेत्र के किसानों ने भी कही। चिल्हाटी के किसानों का कहना है कि पानी ने धोखा दे दिया, हम कुछ नहीं कर पाए। बियासी व रोपा का काम हुआ ही नहीं है। 

मेटेपार व हितागुटा के किसान उत्तम सुकदेवे ने बताया कि पानी के अभाव में इस साल बियासी ही नहीं कर पाए। ब्लॉक में सभी तरफ अकाल को लेकर हाहाकार की स्थिति बनी हुई है। किसान अकाल की आशंका से भयभीत है। किसानी के भरोसे गुजारा करने वाले किसानों के सामने तो कई समस्या खड़ी हो गई है। 

भड़सेना के दुलार विश्वकर्मा, विष्णु दखने, भनसुला के डेरहाराम मेश्राम, मोहड़ के दिलीप जुरेशिया ने कहा कि अकाल की स्थिति में अब उनके पास रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा। अब जीवन निर्वाह के लिए घरों की दहलीज लांघनी पड़ेगी।

पूजा पाठ व यज्ञ अनुष्ठान, फिर भी बारिश नहीं
अल्प वर्षा से उपजे अकाल की आशंका से भयभीत क्षेत्र के ग्रामीणों व नगर के नागरिकों ने मान्यताओं के अनुसार पूजा पाठ व यज्ञ अनुष्ठान कराए, लेकिन इंद्रदेव मेहरबान नहीं हुए। ब्लॉक मुख्यालय में अल्प वर्षा के समय मान्यताओं के अनुसार प्राचीन शिव मंदिर में शिवलिंग को पानी से डुबोया जाता है। 

नागरिकों का मानना है कि ऐसा करने से वर्षा होने लगती है और लोगों की समस्याओं का समाधान होता है और अकाल से मुक्ति मिलती है, जिस दिन नगर में शिवलिंग को पानी से डुबोया गया, उस दिन रात में अच्छी बारिश भी हुई। इससे लोगों को उम्मीद भी बंधी, लेकिन इसके बाद फिर पानी ही नहीं बरसा। मानसून में पानी नहीं आने से लोगों को भरोसा था कि सावन में भगवान शिव मेहरबान होंगे, लेकिन पूरा सावन निकल गया, पर वर्षा हुई ही नहीं। नगर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में रामायण, पूजा-पाठ, यज्ञ अनुष्ठान किए गए, लेकिन नतीजा अकाल पर आकर टिक गया।

 गर्मी उमस व पॉवर कट से परेशान ग्रामीण
क्षेत्र में इस बार अल्पवर्षा से केवल किसानों को ही नहीं आम लोगों एवं हर वर्ग को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बारिश के मौसम में भी लोगों को अभी भी गर्मी की तरह ही कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बारिश नहीं होने से बिजली की खपत बढ़ गई है और लोड बढऩे से लोगों को पॉवर कट व लो-वोल्टेज की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। 
आमाटोला के जशवंत साहू व आटरा के भैयाराम यादव व चिखली के मोहन मलगामे ने बताया कि उनके गांव व क्षेत्र में लो-वोल्टेज के कारण उनके यहां पंखा नहीं चल रहा है और ट्यूब लाईट भी नहीं जल पा रही है। ब्लॉक में हर तरफ  पॉवर कट व लो-वोल्टेज की शिकायतें मिल रही हैं।

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