राजनांदगांव
![जिला चिकित्सालय का अस्तित्व समाप्त होने की कगार पर- मधुसूदन जिला चिकित्सालय का अस्तित्व समाप्त होने की कगार पर- मधुसूदन](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1630244451jn__6.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 29 अगस्त। भाजपा जिलाध्यक्ष मधुसूदन यादव के नेतृत्व में शहर भाजपा नेताओं ने गत् दिनों जिला चिकित्सालय का आकस्मिक निरीक्षण किया।
भाजपा नेताओं ने कहा कि जिला चिकित्सालय में जो अव्यवस्था है, वह सिर्फ यह बताने के लिए है कि जिला चिकित्सालय जिंदा है। जबकि हकीकत यह है कि अब इसका अस्तित्व समाप्त होने वाला है। उन्होंने बताया कि जिला चिकित्सालय में वर्तमान में मातृत्व-शिशु केंद्र को छोडक़र मात्र बीस मरीज भर्ती हैं। मेडिकल कॉलेज के बराबर यहां स्टॉफ है, तो किस कारण से यहां 250 ओपीडी होने के बाद सिर्फ 20 मरीज भर्ती है, इसका मतलब साफ है कि केवल या बताने के लिए स्वास्थ विभाग मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल को हमने शुरू कर दिया और हकीकत यह है कि न तो जिला अस्पताल में मरीजों को सही इलाज मिल पा रहा है और न ही मेडिकल कॉलेज में निरीक्षण में हमने पाया कि जिला अस्पताल में ना तो सफाई है न ही कोई व्यवस्था है और तो और महिला-पुरुष को एक ही वार्ड में भर्ती किया गया है, जो कि आपत्तिजनक है।
उन्होंने कहा कि वार्ड में न तो सफाई कर्मी और न ही वर्ग 3 वह वर्ग 4 के कर्मचारी हैं। जिसके चलते जिला अस्पताल से सभी को बाहर भेजा जा रहा है। आज 250 से अधिक ओपीडी होने के बाद भी सिर्फ पांच लोगों को भर्ती किया गया, जो कि जिला चिकित्सालय के कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है वार्डों के निरीक्षण में पाया गया कि बेड हटा दिए गए, बेड है तो चादर नहीं है, इन सब के बावजूद मरीजों को बाहर जाने कहा जा रहा है। वर्तमान में शिशु मातृत्व केंद्र को छोड़ दे तो मात्र बीस मरीज जिला चिकित्सालय में है, जो इस बात को साबित करता है कि जिला चिकित्सालय अस्तित्व खतरे में है।
भाजपा जिलाध्यक्ष श्री यादव ने सरकार के नुमाईंदों से आग्रह करते कहा कि इसके लिए क्या प्रयास कर रहे हैं, इसे सार्वजनिक करें। साथ ही चुनौती भी दी कि क्या जिला चिकित्सालय के अस्तित्व को बचाने का वचन जिलेवासियों को देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार पक्ष के 5 लोग जिला चिकित्सालय का अस्तित्व बचा पाएंगे अन्यथा आपका इन पदों पर बना रहना निरर्थक है।
यदि सत्ता पक्ष के लोग जिला चिकित्सालय का औचित्य नहीं बचा पाएंगे तो मैं यह मानूंगा कि ये सत्ताभोगी हैं, जनसेवक नहीं। मैं जिले की जनता को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि जब तक जिला चिकित्सालय अपने अस्तित्व को नहीं बचा पाएगी, तब तक हम आंदोलनरत रहेंगे।
इस अवसर पर अतुल रायजादा, तरुण लहरवानी, कमल सोनी,प्रखर श्रीवास्तव, हर्ष रामटेके, सज्जन सिंह, आशीष जैन, आशु डहरिया, पंकज कुंजरेकर, आकाश चोपड़ा एवं बड़ी संख्या में कार्यकत्र्ता उपस्थित थे।