राजनांदगांव

बस्तर में हिंसक हमले और नौकरी में आरक्षण नीति के विरोध में सैकड़ों आदिवासी जुटे
30-Aug-2021 2:47 PM
बस्तर में हिंसक हमले और नौकरी में आरक्षण नीति के विरोध में सैकड़ों आदिवासी जुटे

 

चिचोला में दर्जनों मांग लेकर आदिवासी समाज का धरना

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 30 अगस्त।
बस्तर के सिलेगर में ग्रामीणों पर अंधाधुंध फायरिंग के विरोध समेत नौकरी में आरक्षण नीति में बदलाव की मांग को लेकर जिलेभर के आदिवासी समुदाय ने नेशनल हाईवे चिचोला में धरना-प्रदर्शन कर सरकार को चेतावनी दी। वहीं सामूहिक रूप से आदिवासी नेताओं और प्रमुखों ने दर्जनभर मांगों को जल्द पूरा करने के मसले पर आवाज उठाई।

सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले सुबह 11 बजे से शुरू हुए एक दिवसीय जिला स्तरीय धरना को आर्थिक नाकेबंदी का नाम दिया गया। जिसमें जनजाति समुदाय के साथ-साथ हल्बा, गोंड समेत दूसरे आदिवासियों ने धरना में हिस्सा लिया। सिलेगर में हुए आदिवासियों पर बर्बरता को लेकर सख्त टिप्पणी करते समाज ने सरकार से मृतकों को 50 लाख और घायलों को 5 लाख की आर्थिक सहायता देने के साथ-साथ परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी दिए जाने की भी मांग की। इसके अलावा अनुसूचित जनजाति वर्ग के आरक्षित पदों को नहीं भरने और शासकीय सेवाओं में आरक्षण नीति में व्याप्त त्रुटियों को दूर करने की मांग की। साथ ही शासकीय नौकरी में बैकलाग एवं नई भर्तियों के लिए आरक्षण रोस्टर लागू करने की भी मांग समाज ने की।

इस बीच जिले में लगातार आदिवासी समाज अपने हितों को लेकर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहा है। समाज ने मोहला-मानपुर को आदिवासी जिला घोषित करने की भी मांग की। गौरतलब है कि मानपुर और मोहला इलाके में कुछ माह पहले सिलेगर में हुई हिंसक हमले के विरोध में जुटे आदिवासियों ने पूरजोर मांग करते हिंसक घटनाओं पर विराम लगाने की मांग भी की।

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