राजनांदगांव
बस मालिक 40 प्रतिशत वृद्धि के लिए अब भी लगा रहे गुहार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 31 अगस्त। गुजरे एक साल में बेतहाशा बढ़े डीजल के दाम से बस मालिकों की बार-बार यात्री भाड़ा बढ़ाए जाने की मांग को अब सरकार ने 25 प्रतिशत इजाफा की मंजूरी दी है।
बताया जा रहा है कि प्रदेशभर के बस ऑपरेटर संघ ने सरकार के समक्ष 40 फीसदी यात्री किराया बढ़ाए जाने का प्रस्ताव रखा था। बीते कुछ महीनों में लगातार डीजल के दाम बेभाव बढ़े हैं। ऐसे में बस मालिकों को घाटा सहते हुए कारोबार करना पड़ रहा था। हालांकि मौजूदा राज्य सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में यह पहला अवसर है जब बस मालिकों को राहत देने के इरादे से 25 फीसदी किराये में वृद्धि की गई है। गुजरे 2 साल में बस कारोबार कोरोना के कारण चौपट हो गया है। कई मालिक कंगाल होने के कगार पर हैं। आर्थिक चोट पडऩे से बस की किस्तें भी जमा नहीं हो पाई। वहीं बस के कलपुर्जे वाहन के खड़ी हालत में होने की वजह से जंग लगकर खराब हो गए हैं।
बताया जा रहा है कि बैंकों की ओर से मिली रियायत का भी मालिकों को ज्यादा फायदा नहीं हुआ। इस बीच कोरोना महामारी के कारण राजनांदगांव जिले में फिलहाल 25 फीसदी बसें ही सडक़ों में दौड़ रही है। कोरोना के भय से बसों में त्यौहारी सीजन में भी गिनती के यात्री सवार हो रहे हैं। राजनांदगांव जिले में कुल 200 बसें प्रतिदिन अलग-अलग इलाकों में दौड़ती है।
बताया जा रहा है कि बड़ी कंपनियों की ही बसें सडक़ों में यात्रियों को ढो रही है। जबकि एक्का-दुक्का बस के मालिकों ने कारोबार से तौबा कर लिया है। बताया जा रहा है कि बस कारोबार पूरी तरह से कोरोना और डीजल के बढ़ते दाम के मार से लडख़ड़ा गया है। बस मालिकों की हालत ऐसी है कि कारोबार समेटने का मन लेकर काम कर रहे हैं। वहीं दूसरे व्यवसाय का भी मालिकों ने धीरे-धीरे रूख करना शुरू कर दिया है।
बताया जा रहा है कि समूचे राज्य के बस मालिक सरकार से लगातार डीजल के दाम बढऩे का हवाला देकर टिकट भाड़ा बढ़ाने के लिए विभागीय मंत्री और अफसरों से गुहार लगा रहे थे। सरकार ने भी बस मालिकों की मांग को काफी देर से मंजूर किया है। डीजल के दाम पिछले एक साल के भीतर 65 से 100 रुपए तक पहुंच गया है। अभी भी बस मालिक 40 प्रतिशत वृद्धि को ही कारोबार के लिहाज से फायदेमंद मान रहे हैं।
इस संबंध में जिला बस आपरेटर संघ के अध्यक्ष रईस अहमद शकील ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि सरकार ने 25 प्रतिशत वृद्धि जरूर की है, लेकिन उससे खास फायदा कारोबारियों को नहीं होगा। उन्होंने शासन से 40 प्रतिशत किराया बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव पर विचार करने की गुहार लगाई है।