राजनांदगांव
![अंबेडकर को मरणोपरांत 34 साल बाद मिली भारत रत्न की उपाधि- मेश्राम अंबेडकर को मरणोपरांत 34 साल बाद मिली भारत रत्न की उपाधि- मेश्राम](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1630419046jn__5_b.jpg)
बाबा साहेब को राजघाट में नहीं दिया स्थान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 31 अगस्त। बस्तर संभाग प्रभारी, छत्तीसगढ़ भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष पवन मेश्राम गत् दिनों बस्तर संभाग के दौरे पर थे। सोमवार को श्री मेश्राम ने कांकेर में आयोजित अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला कार्यसमिति की बैठक को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि बैठक का मुख्य उद्देश्य था कि बाबा डॉ. अंबेडकर को मरणोपरांत 34 साल बाद भारतरत्न का उपाधि मिलना। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और गांधी खानदान कभी नहीं चाहती थी कि डॉ. बाबा साहेब को भारतरत्न की उपाधि मिले।
श्री मेश्राम ने कहा कि डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर को केंद्र में जब भाजपा की सरकार हुई, तब उनके मरणोपरांत 34 साल बाद भारतरत्न की उपाधि मिली, जबकि खुद उस समय के पं. जवाहरलाल नेहरू एवं इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री रहते खुद अपने आपको भारतरत्न की उपाधि दे दिया, लेकिन देश के संविधान निर्माता डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर को इन्होंने भारतरत्न की उपाधि नहीं दिया।
आगे कहा कि कांग्रेस और गांधी खानदान कभी नहीं चाहती थी कि डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर का नाम रोशन हो, ये लोग तो डॉ. अंबेडकर के वजूद को ही मिटाने में लगे थे, इसलिए डॉ. अंबेडकर के निधन दिल्ली 26 अलीपुर में हुआ, उसके बाद भी इन्होंने राजघाट में स्थान नहीं दिया। इसकी मुख्य वजह थी कि अगर बाबा साहेब अंबेडकर को राजघाट में स्थान मिला तो गांधी खानदान का अस्तित्व ही मिट जाता, इसलिए डॉ. बाबा साहेब की समाधि बनने नहीं दिया गया। जबकि संजय गांधी की मृत्यु आसमान में हुई । राजीव गांधी की मृत्यु दिल्ली से बाहर दूसरे प्रदेश में हुई और उनको राजघाट में स्थान दिया गया। जबकि बाबा साहेब अंबेडकर को राजघाट में स्थान नहीं दिया गया। इसी वजह से आज हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर से जुड़े पांच महत्वपूर्ण स्थानों को पंच तीर्थ का दर्जा दिया। पहला जहां डॉ. अंबेडकर का जन्म हुआ महू मध्यप्रदेश, दूसरा जहां निधन हुआ दिल्ली 26 अलीपुर रोड, तीसरा जहां दीक्षा लिए, चौथा लंदन स्थित रहकर पढ़ाई की और पांचवा दादा चैत्य भूमि इंदुमिल की धरती को खरीदकर बाबा साहेब के विचारों को अगर कोई ले जा सकता हैं तो वो है भाजपा की सरकार भाजपा के कार्यकर्ता।
साय ने कार्यकर्ताओं में भरा जोश
बैठक में मुख्य रूप से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने भी सभी कार्यकर्ताओं पर जोश और उत्साह भरने वाले भाषण से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति मोर्चा सहित सभी मोर्चा के कार्यकर्ता पूरी निष्ठा के साथ कार्य करे। पूरे संभाग में कांकेर जिले के अनुसूचित जाति मोर्चा पहली मोर्चा है, जिसने पूरे 16 मंडलों में अपनी कार्यकारिणी तैयार की है। यकीनन अनुसूचित जाति के कार्यकर्ताओं से पार्टी को लाभ मिलेगा। अनुसूचित जाति मोर्चा के कार्यकर्ता बधाई के पात्र हैं। पूरे छत्तीसगढ़ में सर्वप्रथम कांकेर जिले में कार्यकारिणी बनी।
बैठक में जिला महामंत्री भाजपा बृजेश चौहान, दिलीप जयसवाल, पूर्व विधायक सुमित्रा मारकोले, भारत मटियारा, महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत, अजा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष हरदेव बघमारिया, जिला महामंत्री मनेश्वर नाग, झाडूराम बेसरे, कृष्णा नेताम, हेम सोनवानी, सियाराम रामटेके, दिनेश नागदौने, सरिता कुलदीप, हर्ष चंदेल, नागेश भोवते, भावेश अर्दे, चिंतामणि रामटेके, पुष्पा बिछियां, तिलक नाग, राजेश्वरी कचलाम, सहदेव टांडिया, भारत टांडिया, धनराज टांडिया, हरिकिशन नाग, सोहन कुलदीप, महंत टांडिया, रुखम बघेल, युवा मोर्चा प्रदेश महामंत्री टेकेश्वर जैन सहित भाजपा मोर्चा के अध्यक्ष, जिला महामंत्री, जिला उपाध्यक्ष एवं सभी कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।