राजनांदगांव

छत्तीसगढ़ी सांस्कृति के पर्याय हैं खुमान
07-Sep-2021 6:51 PM
छत्तीसगढ़ी सांस्कृति  के पर्याय हैं खुमान

लोक कलाकारों ने स्मरण दिवस के रूप में मनाया साव का जन्मदिन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
राजनांदगांव, 7 सितंबर।
छत्तीसगढ़ निर्माण के पूर्व सांस्कृतिक क्रांति में अपने अहम योगदान के साथ लोक संगीत को नई ऊंचाइयां देने वाले कलाकार स्व. खुमान साव के जन्मदिन को अंचल के कलाकारों ने स्मरण दिवस के रूप में मनाया। इस दौरान कलाकारों ने स्व. खुमान साव के कला कौशल को याद करते उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

स्व. खुमान साव के जन्मदिन के मौके पर छत्तीसगढ़ की लोक गायिका कविता वासनिक कृत अनुराग धारा लोक सांस्कृतिक संस्था के कलाकारों ने रानीसागर स्थित सृजन संवाद भवन में श्री साव का स्मरण किया। यहां लोक गायिका कविता वासनिक ने कहा कि स्व. साव छत्तीसगढ़ी संस्कृति के पर्याय हैं। वे मेरी सांगीतिक यात्रा के अग्रज गुरु रहे। एक ओर जहां सारी दुनिया 5 सितंबर को अपने गुरुओं का स्मरण कर शिक्षक दिवस मनाती है। वहीं आज ही के दिन मेरे गुरु का जन्मदिन भी मनाया जाता है, जो मेरे लिए किसी सौभाग्य से कम नहीं है। सृजन संवाद भवन में श्रद्धांजलि सभा कार्यक्रम भी किया गया।

मुख्य अतिथि शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कुलबीर छाबड़ा व अध्यक्षता राजगामी संपदा न्यास अध्यक्ष विवेक वासनिक ने की।
अध्यक्षता करते श्री वासनिक ने कहा कि स्व. साव ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की बोली को गौरवान्वित किया है। उनके मधुर गीतों को कई कलाकारों ने गाया है। लक्ष्मण मस्तूरिया, कविता वासनिक, अनुराग ठाकुर, महादेव शेरवानी व केदार यादव जैसे प्रमुख गायकों ने उनके संगीत पर अपनी आवाज दी है। 

इसी तरह छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के सांस्कृतिक क्रांति के पुरोधा दाऊ रामचंद्र देशमुख निर्मित चंदैनी गोंदा में भी खुमानलाल साव ने एक संगीत निर्देशक के रूप में बेहतरीन अदाकारी को अंजाम दिया। श्री वासनिक ने कहा कि खुमान साव की प्रतिभा की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। कार्यक्रम में मौजूद कलाकारों ने स्व. साव को श्रद्धांजलि अर्पित की।
 

 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news