राजनांदगांव
![7 हजार महिलाओं वाली नांदगांव की 673 समूहों को कर्जमाफी से सम्हलने का फिर मिलेगा मौका 7 हजार महिलाओं वाली नांदगांव की 673 समूहों को कर्जमाफी से सम्हलने का फिर मिलेगा मौका](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1631087350G_LOGO-001.jpg)
80 लाख मूल और ढाई लाख ब्याज सरकार ने किया माफ
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 8 सितंबर। तीज पर्व के उत्साह के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यभर की महिला समूहों के कर्ज को माफ करने का ऐलान कर आर्थिक संकट से जूझती महिलाओं को फिर से सम्हलने का मौका दिया है। राजनांदगांव की महिला समूहों को फिर से वापस आर्थिक गतिविधियों को गति देने में जहां मुख्यमंत्री के इस निर्णय से संबलता मिलेगी। वहीं कोरोनाकाल में चौपट हो चुके समूहों के कारोबार को भी नए सिरे से खड़ा करने में भी आसानी होगी। राजनांदगांव जिले में 673 समूहों में करीब 7 हजार महिलाएं जुड़ी हुई है। समूह के जरिये अलग-अलग कारोबार महिलाएं कर रही है।
महिला बाल विकास विभाग के छत्तीसगढ़ कोष से पंजीकृत समूहों को व्यवसाय के लिए ऋण मुहैया कराया जाता है। बताया जाता है कि 1995-96 से आज पर्यन्त महिला समूहों से विभाग को 80 लाख रुपए का ऋण वसूलना है। वहीं ब्याज के एवज में ढाई लाख रुपए भी विभाग का समूहों पर बकाया है। कुल मिलाकर करीब 83 लाख रुपए का ऋण समूहों के ऊपर बना है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री के ऋण माफी के निर्णय में 6 हजार 700 महिलाओं को आर्थिक परेशानी से मुक्त कर दिया है। खास बात यह है कि राजनांदगांव जिले में एक भी महिला समूह डिफाल्टर नहीं है। हालांकि ज्यादातर समूहों पर 100 रुपए से लेकर हजारों रुपए का बकाया है।
इस संबंध में महिला बाल विकास अधिकारी रेणु प्रकाश ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि सरकार के फैसले से समूहों को फिर से आर्थिक ताकत मिलेगी। समूहों के जरिये कई व्यापार महिलाएं कर रही है। महिलाओं को सबसे ज्यादा कोरोना काल में नुकसान हुआ है। इसी कारण समूहों की स्थिति खराब हो गई थी। बताया जा रहा है कि हर समूह में औसतन 10 महिलाएं कामकाज के लिहाज से जुड़ी हुई है। राजनांदगांव जिले को महिला समूहों के संगठित होने के लिहाज से काफी मान मिलता रहा है। महिला समूहों ने अपने दम पर दूध, अनाज के साथ-साथ राईस मिल तक भी अपने हाथों से चलाया है। समूहों की ओर से ऋण अदायगी नहीं होने के चलते महिला बाल विकास के अफसर भी चिंतित थे। बताया जा रहा है कि समूहों के कर्ज को माफ कर मुख्यमंत्री ने एक तरह से महिलाओं को तीज पर्व की बड़ी सौगात दी है।