राजनांदगांव
![10 को बिराजेंगे विघ्नहर्ता 10 को बिराजेंगे विघ्नहर्ता](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1631089413jn__6.jpg)
बाजार में सजी मूर्तियां
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 8 सितंबर। सिद्धी विनायक भगवान श्रीगणेश यानी विघ्नहर्ता लंबोदर महाराज शुक्रवार को विराजेंगे। इसी के साथ ही संस्कारधानी में 11 दिनों तक गणेशोत्सव की धूम रहेगी। गणेश चतुर्थी पर भगवान श्रीगणेश को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ स्थापित किया जाएगा। वहीं गणेश मूर्तियों की बिक्री के लिए महावीर चौक स्थित फ्लाई ओवर के नीचे दुकानें सजकर तैयार हो गई है। इसके अलावा बाजार में भी मूर्तियां बिक्री के लिए पहुंच गई है। इधर गणेश समितियों ने भी भगवान गणेश को स्थापित करने के लिए पंडालों की तैयारियां शुरू कर दी है। वहीं 10 सितंबर को श्रीगणेश चतुर्थी पर्व को लेकर मूर्तिकारों ने भी श्रीगणेश की मूर्तियों को सजा ली है।
वहीं समितियों के पदाधिकारियों ने भी पंडालों और लोग घरों में भगवान श्रीगणेश की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करने की तैयारी शुरू कर दी है। गणेश उत्सव के लिए शहर के प्रमुख समितियों की ओर से तैयारी कर ली गई है। शासन के निर्देशानुसार मूर्तियों की बिक्री शुरू हो गई है। आकर्षक एवं अलग-अलग रूपों में भगवान श्रीगणेश की मूर्तियों का लोग दर्शन करेंगे। शुरूआत के एक-दो दिन बाद विसर्जन तक शहर का वातावरण धार्मिकमय हो जाता है। इस बीच शुक्रवार को विघ्नहर्ता के विराजते ही गणेश पर्व उत्सव का आगाज होगा।
कलेक्टर ने आदेश में किया संशोधन
कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने नोवेल कोरोना वायरस संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु आगामी माह में आने वाले त्यौहारों के कारण कोरोना पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना को दृष्टिगत रखते इसके नियंत्रण के लिए आदेश जारी किया था। जिसमें आंशिक संशोधन किया गया है। आदेश में कहा गया है कि गणेशोत्सव के संबंध में मूर्ति की ऊंचाई अधिकतम 8 फीट होगी, परन्तु पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) से निर्मित मूर्ति बिक्री एवं स्थापित किया जाना प्रतिबंधित रहेगा। मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15 गुणा 15 फीट से अधिक न हो। पंडाल के सामने कम से कम 1000 वर्गफीट की खुली जगह हो। मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जाएगा। कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार की भोजन, भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना के समय, स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय, विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार के वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र, डीजे बजाने की अनुमति संबंधित अनुविभागीय दंडाधिकारी से लिया जाना आवश्यक होगा।
मूर्ति स्थापना, विसर्जन के दौरा प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य अथवा पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए पिकअप, टाटा एस से बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा। निर्देश के उल्लंघन करने पर संबंधित के विरूद्ध एपिडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकूल नियमानुसार अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।