राजनांदगांव

भड़सेना में पंचायत का शराबबंदी का ऐलान
11-Sep-2021 2:53 PM
भड़सेना में पंचायत का शराबबंदी का ऐलान

    उल्लंघन पर 50 हजार दंड व 5 साल तक गांव के कार्यों से बहिष्कृत   

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबागढ़ चौकी, 11 सितंबर।
230 मकान, 1300 की आबादी और 75 प्रतिशत मूलत: अनुसूचित जनजाति वर्ग के आदिवासी समाज निवासरत, तीन टोलाओं में बंटा ग्राम भड़सेना के ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि यदि गांव में निवासरत किसी व्यक्ति व परिवार ने शराब बनाया और अवैध रूप से शराब का विक्रय किया तो ऐसे व्यक्ति व परिवार से गांव समिति 50 हजार रुपए का अर्थदंड लेगी। इस पैसे का उपयोग गांव के विकास कार्यों में किया जाएगा तथा आरोपी को 5 वर्षों तक गांव के कार्यों से बहिष्कृत किया जाएगा।  गांव की पंचायत ने यह फैसला घर-घर बनाई जा रही कच्ची शराब व अवैध शराब की बिक्री से तंग आकर लिया है। ग्रामीणों ने खुलासा किया कि यहां हालात इतने खराब हो गए थे कि 12-15 वर्ष के बच्चों को भी शराब की लत लग गई थी और गांव का वातावरण दिन-प्रतिदिन खराब हो रहा था।

मिली जानकारी के अनुसार गणेश चतुर्थी से भड़सेना में पूर्णत: शराबबंदी लागू हो गई है। ग्राम भड़सेना में गुरुवार को गांव की पंचायत बुलाई गई थी। इस पंचायत में गांव के हर परिवार का एक सदस्य शामिल हुआ। बैठक में हर वर्ग के लोग एवं विशेषकर महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल हुईं। बैठक में पांच घंटे तक केवल गांव में घर-घर कच्ची शराब का निर्माण व बिक्री एवं दुकानों से शराब खरीदकर गांव में अवैध रूप से शराब का व्यवसाय का मुद्दा छाया रहा। आखिरकार गांव के पटेल देवेन्द्र मुगनकर एवं गांव समिति के प्रमुख झरन सिंह कुंभकार, बसंत कुंजाम, बालकराम नेताम, राधे नेताम, पंचराम कुंजाम, ढालसिंह कोरेटी, सुरेश कोरेटी, चंद्रभान, श्रवण कोमरे, समारू कोमरे, कीर्तनलला कुंभकार, ठाकुरराम कुंभकार, नरेन्द्र कोमरे, सियाराम परतेती, रामकुमार सलामे, दुलार विश्वकर्मा एवं सरपंच मोहनलाल धु्रवे ने ग्रामीणों की सहमति से यह फैसला सुनाया कि गांव में आज से किसी भी तरह शराब की बिक्री नहीं होगी और न ही गांव में किसी व्यक्ति व परिवार द्वारा कच्ची शराब बनाया जाएगा। यदि किसी ने गांव में कच्ची शराब बनाई और गांव में कच्ची या दुकानों की शराब की बिक्री की गई तो आरोपी से 50 हजार का अर्थदंड तथा आरोपी व्यक्ति को 5 वर्ष तक गांव के कार्यों से बहिष्कृत किया जाएगा।

90 घरों में बनाई जा रही थी कच्ची शराब
ग्राम पंचायत भड़सेना के सरपंच मोहनलाल धुर्वे ने बताया कि भड़सेना में गांव की आधी आबादी कच्ची शराब बनाने के धंधे में लग गई थी। जबकि कुछ लोग दूकान से शराब लाकर बेचने में जुट गए थे। सरपंच ने खुलासा किया कि गांव में सवा दो सौ से अधिक मकान हैं। जिसमें 90 मकानों व परिवारों में शराब बनाने का धंधा चल रहा था। आदिवासी समाज के साथ-साथ अन्य समाज भी इस गोरख धंधे में लग गया था। गांव का माहौल दिन-प्रतिदिन बिगडऩे लग गया था। वाद-विवाद, गाली गुप्तार आम बात हो गई थी। घर-घर शराब बनाने के चलते पढऩे वाले बच्चे भी सुबह से शराब की लत में लग गए थे। सरपंच ने बताया कि गांव की पंचायत ने गांव का माहौल खराब होते देख गांव में शराबबंदी का फैसला सुनाया है। उन्होंने बताया की दंड में लिए गए पैसे का खर्च गांव के विकास में किया जाएगा तथा आरोपी को गांव के हर कार्य से दूर रखा जाएगा।

सूचना देने वाले को मिलेगा पुरस्कार
भड़सेना में गणेश चतुर्थी से शराबबंदी लागू हो गई है। गांव समिति ने शराब बनाने व बेचने वालों के साथ शराब पीकर गांव में नशे में हुडदंग करने वाले हुडदंगियों को भी ठीक करने उन पर भी पंाच हजार का अर्थदंड रखा है। गांव पंचायत ने शराब बनाने व बेचने वाले आरोपी की प्रमाणिक सूचना देने वाले व्यक्ति के लिए 10 हजार रुपए का पुरस्कार रखा है। पंचायत केवल मौखिक सूचना पर ही आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी। सरपंच धुर्वे ने बताया कि यहां गांव पंचायत आरोपी के खिलाफ कार्रवाई पहले बैठक करेगी और आरोपी के खिलाफ पुख्ता प्रमाण होने के बाद ही उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी। ऐसा निर्णय गांव के विकास व गांव में स्वस्थ वातावरण बनाने के लिए किया गया है।

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