दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा ,21 सितम्बर। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष उदयप्रकाश शुक्ला व सचिव नोहर साहू के नेतृत्व में जिला स्तरीय बैठक दंतेवाड़ा में संपन्न हुआ।
प्रांतीय पदाधिकारी प्रमोद भदौरिया, कमल किशोर रावत,सूर्यकान्त सिन्हा ने कहा कि प्रदेश में शिक्षको के लिए जिस प्रकार से संविलियन मुख्य मांग था, उसी प्रकार अब सबसे महत्वपूर्ण मांग पूर्व सेवा की गणना है।
उन्होंने आगे कहा कि सहायक शिक्षको की वेतन विसंगति को पूर्व सेवा की गणना से ही दूर किया जा सकता है,अगर पूर्व सेवा की गणना नही होगी तो संविलियन तिथि ही आपकी प्रथम सेवा अवधि मान ली जाएगी, तब वेतन विसंगति को परिभाषित करना दुष्कर होगा।
संविलियन के पूर्व तत्कालीन प्रमुख सचिव शिक्षा ने कहा कि संविलियन तिथि से विभाग के शिक्षा व आजाक विभाग की सहायक शिक्षक, शिक्षक व व्याख्याता की सूची में संविलियन होने वाले शिक्षको को वरिष्ठता दी जाएगी। इस बात का छ पं/ननि शिक्षक संघ ने पुरजोर विरोध करते हुए प्रथम नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता देने का पक्ष रखा, जिसमे संघ ने कहा था कि नियुक्ति की कोई प्रक्रिया नही अपनाई गई है, सीधे संविलियन किया जा रहा है तो प्रथम नियुक्ति को ही मान्य किया जावे, सेवा पुस्तिका पूर्व का ही है इसीलिए प्रथम नियुक्ति को ही मान्य किया जावे, एलपीसी पुरानी है, इसीलिए प्रथम सेवा को वरिष्ठता मान्य करना होगा, किन्तु कतिपय शिक्षक संघो के विरोध के कारण प्रथम नियुक्ति को वरिष्ठता न देकर एक पृथक एल बी संवर्ग बना दिया गया।
प्रदेश के समस्त शिक्षक अगर पूर्व सेवा के लिए एकजुट होंगे तो निश्चित ही शासन को नियुक्ति प्रक्रिया, संविलियन, सेवा पुस्तिका, एल पी सी मुद्दे के कारण पूर्व सेवा का लाभ देना पड़ेगा, संविलियन को शिक्षको ने एकजुटता की लड़ाई से प्राप्त किया है, तब भी कुछ तथाकथित संघ संघर्ष से अलग थे, परन्तु मुख्य लोगो की एकजुटता व सही नेतृत्व से संविलियन मिला, पूर्व सेवा की गणना की मांग सर्वोपरि है, इससे क्रमोन्नति, पदोन्नति मिलेगी, वेतन विसंगति दूर होगी, पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा, प्रचलित नियम पर कमेटी की क्या जरूरत है? प्रदेश में शिक्षको के बीच एकजुटता व सौहार्द्र की जरूरत के साथ सफल नेतृत्व की आवश्यकता है, वर्गवाद के 3 वर्ष के बाद हम वही खड़े है, अत: चिंतन की आवश्यकता है।
एल बी संवर्ग के शिक्षको की मांग को शासन ने अब तक टालमटोल किया है, जनघोषणा पत्र में किये गए वादे पर सरकार गंभीरता से निर्णय ले, इसके लिए 2 अक्टूबर को सत्याग्रह आंदोलन किया जाएगा।
जिला स्तरीय बैठक में विनोद शर्मा,ओमप्रकाश कैवर्त,जी.आर.नाग,चिरस लकड़ा,पोरस बिंझेकर,इतेंद्र नाग,नागेश जायसवाल,खोंमेंद्र देवांगन,रमा कर्मा,शंकर चौधरी, सुभाष कोडोपी,अमित देवनाथ,टीकमदास साहू,भरत दुबे,साजिद भारती, सुरेश पटेल,भवानी कौशिक,शेशुनाथ गौतम, राजेन्द्र यादव,आनंद साहू,राहुल वाजपेयी,संध्या सिंह,नैंशि एक्का,रेखा गुप्ता,आशा देवी भवानी,शांति सेमली,कोमल देव साहू,मालिक राम साहू,राकेश दास, देवचन्द्र करटामि, मित्रनाथ यादव व शिक्षकगण उपस्थित थे।