राजनांदगांव
![दीपावली बाद रखी जाएगी नए कांग्रेस भवन की नींव दीपावली बाद रखी जाएगी नए कांग्रेस भवन की नींव](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1632904557ongress_Bhavan__C.jpeg)
बरसों पुराने कारोबारियों को मिलेगी नई दुकानें
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 29 सितंबर। कांग्रेस की सालों पुरानी पार्टी कार्यालय को नया स्वरूप देने के लिए दिवाली बाद आधारशिला रखने की तैयारी है। राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार प्रदेशभर के पुराने पार्टी कार्यालयों को नए सिरे से निर्माण करने की योजना के तहत तैयारी में जुटी हुई है। बताया जा रहा है कि राजनांदगांव के जयस्तंभ चौक स्थित पार्टी कार्यालय भी सरकार के इस नीति के तहत जल्द ही नए रूप में नजर आएगा। नए भवन को राजीव भवन का नाम भी दिया जाएगा।
बताया जा रहा है कि ज्यादातर पार्टी कार्यालय जीर्ण-शीर्ण हालत में है। राजनांदगांव का कार्यालय भी खस्ता हालत में है। बताया जा रहा है कि सालों से कांग्रेस भवनों की सूरत और सीरत में बदलाव नहीं हुआ है। ऐसे में सरकार बनने के बाद से राज्य के जिला मुख्यालयों के कांग्रेस भवन को सर्वसुविधायुक्त बनाने की योजना बनी । बताया जा रहा है कि प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत की मौजूदगी में नए भवन निर्माण से जुड़ी व्यवहारिक दिक्कतों को लेकर चर्चा की गई, जिसमें कांग्रेस भवन में सालों से व्यापारियों को अन्यत्र विस्थापित किए जाने का भी मसला था।
बताया जा रहा है कि प्रभारी मंत्री की उपस्थिति में गिरीश देवांगन, पार्टी कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, महापौर हेमा देशमुख, जिलाध्यक्ष पदम कोठारी और शहर अध्यक्ष कुलबीर छाबड़ा ने दुकानदारों को भरोसा दिया है कि भवन निर्माण के बाद सभी को वहीं स्थापित किया जाएगा। बताया जा रहा है कि दिवाली त्यौहार होने के मद्देनजर फिलहाल व्यापारियों को कारोबार करने की छूट दी गई है। इसके बाद निर्माण कार्य शुरू होगा। कांग्रेस भवन के निर्माण होने से अस्थाई पार्टी कार्यालय कहां तय होगा, यह तय नहीं है, लेकिन नए भवन तैयार होने में कम से कम एक साल का समय लग सकता है।
राज्यभर में एक जैसा नक्शा
राज्यभर में प्रस्तावित कांग्रेस भवन का नक्शा एक जैसा होगा। बताया जा रहा है कि प्रदेश स्तर के नेताओं ने एक जैसा नक्शा बनाए जान पर जोर दिया था, ताकि किसी भी स्तर पर निर्माण को लेकर सवाल खड़ा न हो। वहीं प्रदेश नेताओं ने ही ठेकेदारों को अधिकृत कर लिया है। यानी नए भवन निर्माण के दौरान स्थानीय नेताओं की भूमिका सहायक के रूप में होगी। बताया जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस ने एक ही ठेकेदार के जरिये निर्माण कार्य कराए जाने पर ज्यादा जोर दिया है। ऐसे में स्थानीय नेताओं को सिर्फ मॉनिटरिंग करने का ही जिम्मा दिया गया है। हालांकि अभी तक नए भवन निर्माण को लेकर स्थानीय नेताओं को कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है। पार्टी आलाकमान का मसला होने की वजह से स्थानीय नेता निर्माण कार्य में अपनी भूमिका नहीं चाहते।