राजनांदगांव
![तीन दिन से पहाड़ चढऩे की कोशिश में हाथी-दल, एक ही जगह डेरा तीन दिन से पहाड़ चढऩे की कोशिश में हाथी-दल, एक ही जगह डेरा](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1632905698jn__10a.jpg)
मोहला के राजाडेरा जंगल में अब तक तीन मकान किए ध्वस्त
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 29 सितंबर। मोहला के आखिरी सीमा पर राजाडेरा के जंगल में हाथियों का दल पिछले तीन दिनों से पहाड़ चढक़र दूसरे इलाके में दाखिल होने की कोशिश कर रहा है। बताया जा रहा है कि पहाड़ में चढ़ाई से हो रही दिक्कत के चलते हाथी राजाडेरा के जंगल में ही अस्थाई ठिकाना बनाए हुए हैं। अधिक ऊंचाई के कारण हाथी पहाड़ को लांघने में नाकामयाब हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि हाथी पहाड़ पार करने के बाद सीधे रामगढ़ के जंगल में दाखिल होंगे। हाथियों की लगातार एक ही जगह डेरा होने से आसपास के गांवों को खाली करा दिया गया है।
बताया जा रहा है कि अब तक हाथियों ने तीन मकानों को रौंद दिया है। कच्चे मकानों के साथ-साथ पक्के आवासों में रहने वाले ग्रामीणों को भी हाईअलर्ट किया गया है। बताया जा रहा है कि ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए बारी-बारी वन अमला मुस्तैद है। डीएफओ गुरूनाथन एन. पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं। यह राहत भरी बात है कि हाथियों की वजह से अब तक किसी की जान नहीं गई है, सिर्फ आंशिक रूप से कच्चे मकानों को धराशाही करने की कोशिश की है।
उधर मानपुर वन डिवीजन के एसडीओ आरके गजभिये लगातार अपने दल-बल के साथ मौके पर जमे हुए हैं। वह मैदानी अमले के साथ ग्रामीणों को सतर्क करने व बचाव के उपाय भी सुझा रहे हैं। गांवों में बैठकें लेकर एसडीओ गजभिये हाथियों के बर्ताव और उसके हिंसात्मक रवैये के संबंध में भी विस्तृत जानकारी देते रहे हैं।
बताया जा रहा है कि ग्रामीणों को हाथियों के आने-जाने वालो इलाकों में मोटर साइकिल की लाईट और शोरगुल नहीं किए जाने पर भी सलाह दे रहे हैं। इस बीच 22 हाथियों का दल फिलहाल एक ही जगह जमा हुआ है। राजाडेरा के जंगल में गिनती के ग्रामीण होने की वजह से हाथियों के लिए यह क्षेत्र अनुकूल माना जा रहा है। बहरहाल हाथियों की हर गतिविधियों पर नजर रखते हुए वन अधिकारी दिन-रात मुस्तैद है।