राजनांदगांव
![पौधों को कीड़े से बचाने जैविक विधि अपनाने जोर पौधों को कीड़े से बचाने जैविक विधि अपनाने जोर](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1633270831jn__12.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 3 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ राज्य के वन क्षेत्रों में उपलब्ध सागौन वृक्षों को हानि पहुंचाने वाले कीटों, सागौन नियंत्रण एवं कंकाल कीटों द्वारा वृक्षों की वृद्धि को प्रभावित किया जाता है। वन क्षेत्रों में इनके नियंत्रण हेतु रासायनिक कीट नाशकों का दुष्प्रभाव एवं वृक्षारोपण एवं वनों में कीटनाशकों का प्रयोग असंभव होने से इनके रोकथाम एवं प्रबंधन के रूप में रासायनिक कीट नाशकों के स्थान पर जैविक नियंत्रण विधि अपनाई जा रही है। इस संबंध में उष्ण कटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर के वन सुरक्षा प्रभाग से वैज्ञानिक शामिनी भोवने द्वारा वनमंडलाधिकारी एन. गुरूनाथन, उपवनमंडलाधिकारी की उपस्थिति में वनमंडल के सभागार में प्रशिक्षण दिया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित वन क्षेत्रपालों, उप वन क्षेत्रपालों एवं वन रक्षकों को सागौन के कीटों एवं उनके ट्रायकोकाईस द्वारा जैविक नियंत्रण विधि पर विस्तृत जानकारी दी गई। रामभजन सिंह तकनीकी अधिकारी एवं रामकिशोर महोबे प्रोजेक्ट असिस्टेंट टीएफआरआई जबलपुर द्वारा ट्रायकोकाईस को तैयार करने एवं वन क्षेत्रों में छोडऩे संबंधी प्रदर्शन किया गया। यह प्रशिक्षण केम्पा छत्तीसगढ़ द्वारा पोषित परियोजना के तहत दिया गया।