राजनांदगांव
मोदी और योगी सरकार पर आरोपी को बचाने का लगाया आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 11 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों को रौंदने की घटना के विरोध में छत्तीसगढ़ के प्रांतव्यापी एक दिनी मौनव्रत कर कांग्रेस ने विरोध जताया। सोमवार को स्थानीय पोस्ट ऑफिस चौराहे में कांग्रेसी नेताओं ने घटना में मृत किसानों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर आरोपी को बचाने का आरोप लगाया। कांग्रेस का दावा है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के सुपुत्र होने की वजह से आशीष मिश्रा को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
देशभर में चौतरफा आलोचना होने के बाद ले-देकर मामूली कार्रवाई की गई है। महापौर हेमा देशमुख ने कहा कि घटना के पीडि़त परिजनों से मुलाकात करने जा रही कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी को हिरासत में लिया गया। देश ने उनके साथ हुए पुलिसिया बर्ताव को देखा और जिसकी आलोचना भी हुई। श्रीमती देशमुख ने कहा कि अलोकतांत्रिक तरीके से न्यायिक व्यवस्था को भाजपा नष्ट करने पर तुली है। न्याय मांग रहे किसानों को कुचलना एक तरह से लोकतंत्र की हत्या जैसा है। यूपी में अंधेरगर्दी इस कदर हावी है कि वहां के सीएम को वीभत्स घटनाएं नजर नहीं आ रही है। इससे पहले कांग्रेसियों ने आज मौन व्रत रखकर लखीमपुर खीरी की घटना की तीखी निंदा की। कांग्रेसियों ने राहुल गांधी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा पंजाब के सीएम को भी घटनास्थल पर जाने से रोकने की कड़ी भत्र्सना की।
इस दौरान हफीज खान, श्रीकिशन खंडेलवाल, जितेन्द्र मुदलियार, हरिनारायण धकेता, फिरोज अंसारी, सूर्यकांत जैन, आसिफ अली, विनय झा, शरद पटेल, अरविंद वर्मा, मनीष गौतम, अमित चंद्रवंशी, भोजू भाई, नरेश शर्मा, शकील रिजवी, कादिर अंसारी, मेहुल मारू, अब्बास खान, जोया मुस्तफा समेत अन्य कांग्रेसी शामिल थे।
कवर्धा दंगा के दोषियों पर कांग्रेस मौन क्यों : मधुसूदन
भाजपा जिलाध्यक्ष मधुसूदन यादव ने कांग्रेस के मौन व्रत पर चुटकी लेते कहा कि कवर्धा दंगा के दोषियों पर कांग्रेस सरकार मौन क्यों है? उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से धरना प्रदर्शन एक न्यायसंगत व्यवस्था है, लेकिन कवर्धा में हुए हिंसा के आरोपियों को अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है, इसका जवाब सरकार को देना चाहिए। श्री यादव ने कहा कि हिंसाग्रस्त कवर्धा शहर आज भी इस घटना से आहत है, पर सरकार ने अपनी नीति को घटना के संबंध में स्पष्ट नहीं किया है। कांग्रेस का मौन व्रत राजनैतिक समर्थन पाने का एक जरिया मात्र है।