राजनांदगांव
कैम्प से 25 हजार 980 हितग्राही लाभान्वित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 अक्टूबर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत अखिल भारतीय जागरूकता एवं आउटरीज अभियान के तहत मेगा लीगल सर्विस कैम्प का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला प्रशासन द्वारा कलेक्टोरेट में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधिपति अरूप कुमार गोस्वामी एवं अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी ने बिलासपुर से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से किया। कार्यक्रम में वीडियो कान्फ्रेसिंग से सभी जिले जुड़े रहे। कार्यक्रम के दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय कुमार कश्यप एवं कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा द्वारा हितग्राहियों को शासन की लोककल्याणकारी योजना अंतर्गत मनरेगा जॉब कार्ड, पोषक आहार किट, श्रवण यंत्र, क्षतिपूर्ति राशि के चेक, ट्रायसाइकिल, दिव्यांगजन को मेडिकल प्रमाण-पत्र का वितरण किया गया एवं सहायता वितरण किया गया। मेगा लीगल सर्विस कैम्प के माध्यम से कुल 25 हजार 980 हितग्राही लाभान्वित हुए। जिन्हें कुल 3 करोड़ 65 लाख 50 हजार रुपए की सहायता राशि वितरित की गई। इस अवसर पर प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्यभामा अजय दुबे, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव देवाशीष ठाकुर उपस्थित थे।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विनय कुमार कश्यप ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का एकमात्र उद्देश्य है कि न्याय सबके लिए है। इस भावना से सबको कार्य करना है। यह भावना सिर्फ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की नहीं, बल्कि यह संविधान की भावना है। उन्होंने कहा कि संविधान देश की आत्मा है। जहां संविधान मजबूत है, वहां देश मजबूत होता है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा ऐसी योजना बनाई गई हैं, जिससे लोगों को आर्थिक लाभ मिलता है।
इन योजनाओं से लाभान्वित होने के लिए नागरिकों को जागरूक होना चाहिए, जिससे उनको लाभ मिल सकें। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के आपसी समन्वय से एकजुट होकर क्षेत्र की जनता को उनके अधिकार दिलाएंगे और अपनी जिम्मेदारी पूरी करेंगे।
कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने कहा कि किसी भी न्याय, कानून, संस्था, न्यायालय का मुख्य उद्देश्य समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति तक न्याय तथा शासकीय योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना तथा उद्देशिका में लिखा है कि हर व्यक्ति को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता और व्यक्ति की गरिमा सुनिश्चित करने का दायित्व न्यायिक एवं जिला प्रशासन का है। जिसके लिए नालसा की स्थापना की गई है।
प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्यभामा अजय दुबे ने बालकों के अधिकारों के बारे में जानकारी दी। जिला स्तरीय अधिकारियों ने अपने विभाग के योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव देवाशीष ठाकुर ने आभार व्यक्त किया। इस दौरान कलेक्टोरेट परिसर में विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल लगाकर हितग्राहियों को योजनाओं की जानकारी दी गई। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ लोकश चंद्राकर, अपर कलेक्टर सीएल मारकण्डेय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रज्ञा मेश्राम, एसडीएम राजनांदगांव अरूण कुमार वर्मा सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।