राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 29 अक्टूबर। जिले में मत्स्य पालन से मत्स्य पालक एवं किसानों की जिंदगी संवर रही है और उन्होंने उन्नति की ओर अग्रसर है। मत्स्य पालकों के लिए शासन की किसान हितैषी योजनाएं प्रभावी साबित हो रही है।
शासन द्वारा मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा मिलने से किसानों और मत्स्य पालकों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिला है। अब मत्स्य पालक किसान के्रडिट कार्ड से ऋण लेकर अपने व्यवसाय को बढ़ा सकते हैं। वहीं बिजली बिल में भी छूट मिली है। जिले की रोहू, कतला, कोमलकार प्रजाति की मछलियां अन्य राज्यों में निर्यात की जा रही है। जिले में मत्स्यपालकों ने नील क्रांति की दिशा में कदम बढ़ाये हैं। महिलाओं का भी मत्स्य पालन में रूझान बढ़ा है।
जिले में मोंगरा बैराज जलाशय में एक करोड़ 15 लाख रुपए की लागत से केज कल्चर किया जा रहा है। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के मार्गदर्शन में नवाचार करते गौठानों में तालाब निर्माण कर मत्स्यपालन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ग्राम मोखला, अंजोरा, कलकसा सहित जिले के अन्य गौठानों में समूह की महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए उन्हें मछलीपालन से जोड़ा जा रहा है। अंबागढ़ चौकी एवं छुरिया के तालाबों में कमल ककड़ी और सिंघाड़ा भी लगाया गया है।