राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 30 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ शिक्षक फेडरेशन के महामंत्री सतीश ब्यौहरे ने बताया कि प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी ने पिंगुआ कमेटी के समक्ष शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के समस्त शिक्षक संवर्गों के वेतन विसंगति, प्राचार्य पदेान्नति एवं सहायक शिक्षक पद पर नियुक्त हुए शिक्षकों को तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृति मुद्दे पर दस्तावेज सहित पक्ष रखा है।
उन्होंने बताया कि केंद्र एवं राज्य के शिक्षकों का वेतनमान चौथे वेतन आयोग की अनुशंसा अनुसार एक समान था, लेकिन केंद्रीय वेतन आयोग के पांचवे, छठवें एवं सातवें वेतनमान में शिक्षक संवर्ग क्रमश: सहायक शिक्षक, उच्च वर्ग शिक्षक, व्याख्याता एवं प्राचार्य के वेतनमान की अनुशंसा को दरकिनार करते मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में वेतन पुनरीक्षण नियम 1998, 2009 एवं 2016 लागू किया गया। इन पुनरीक्षित वेतनमानों में सभी कर्मचारी-अधिकारी संवर्ग को केंद्र के समान वेतनमान स्वीकृत हुआ, लेकिन शिक्षक संवर्ग को केन्द्र के समान वेतनमान स्वीकृत नहीं करने का बड़ा खेला हुआ। जिसके कारण आर्थिक नुकसान के साथ अनेक विसंगति उत्पन्न हुआ है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी विभागों में कार्यरत कुल कर्मचारी- अधिकारी की संख्या में 50 प्रतिशत से अधिक संख्या शिक्षक संवर्ग की है, जो कि छत्तीसगढ़ राज्य के कोने-कोने में कार्यरत है। शिक्षकों की संख्या बहुतायत है। अनेक संगठनों के अधिकांश प्रमुख पदाधिकारी एवं सदस्य शिक्षक हैं, लेकिन शिक्षकों की संख्या बल एकजुट नहीं होने के कारण शिक्षकों का शोषण सभी मामलों में रहा है। उनका कहना है कि शिक्षकों को अपने हक के लिए एकजुट होना होगा।
उन्होंने बताया कि प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी ने वेतन विसंगति का तथ्यात्मक दस्तावेज चार्ट सहित पिंगुआ कमेटी को सौंपकर शिक्षक संवर्ग को केन्द्र के समान वेतनमान स्वीकृति की अनुशंसा करने का पक्ष रखा है। उन्होंने बताया कि कमेटी को अवगत कराया गया है कि सहायक शिक्षक पद पर भर्ती हुए शिक्षकों को आज पर्यन्त तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृत नहीं हुआ है। जबकि शासन के समस्त कर्मचारी- अधिकारी संवर्गों को तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ शासनादेश 8-8-2018 द्वारा मिल रहा है। फेडरेशन के लगातार ज्ञापन एवं ’नियाय पाती अभियान’ के बाद संचालनालय से विभाग को संभावित वार्षिक व्यय भार युक्त प्रस्ताव 31-10-2020 को भेजा गया है, जिस पर विभाग मौन है।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन ने विस्तृत पक्ष दस्तावेजों सहित प्रस्तुत किया है। कमेटी के अध्यक्ष प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, वित्त सचिव अलरमेलगंगई डी एवं सचिव स्कूल शिक्षा/सामान्य प्रशासन विभाग डॉ. कमलप्रीत सिंह को सभी मुद्दों का दस्तावेज प्रांताध्यक्ष ने प्रत्यक्ष सौंपा है।