राजनांदगांव

दिवाली के दीये से रौशन हुए घर-आंगन
06-Nov-2021 1:32 PM
दिवाली के दीये से रौशन हुए घर-आंगन

 

   परंपरागत दिवाली मनाते पटाखे फूटे, एक-दूसरे को बधाईयां देने का चला दौर   

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 6 नवंबर।
शहर एवं अंचल में दीपावली पर्व परंपरागत रूप से मनाया गया। मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के लिए घर-आंगन में जबर्दस्त उत्साह दिखाई दिया। लोगों ने खुशहाली के लिए घर-घर दीये जलाए। शुभ मुहूर्त पर व्यापारिक प्रतिष्ठानों में भी मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की गई। शाम होते ही घर और आंगन में कतारबद्ध दीये प्रज्जवलित किए गए। इसके अलावा कृत्रिम रौशनी से भी घरों को आकर्षक रूप दिया गया। इसके बाद  पटाखों की गंूज पूरे क्षेत्र में सुनाई दी।

दिवाली पर्व पर घरों में जहां उत्साह का माहौल रहा। वहीं पटाखों को जलाने बच्चों समेत युवतियों में भी उत्साह दिखाई दिया। पर्व को लेकर लोगों ने घरों में पूजा-अर्चना करने के पश्चात मंदिरों में पूजा-अर्चना कर परिवार की खुशहाली की कामना की। इधर अंचल में भी किसानों ने भी पर्व को लेकर पूरी तैयारी की थी। घरों में विधि-विधान से पूजा अर्चना करने के साथ ही खेतों में भी पूजा-अर्चना की।

दिवाली के अवसर पर बच्चों के साथ परिवार वालों ने भरपूर पटाखे का आनंद उठाया। मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर के द्वारों में खूबसूरत व नए रंगोली बनाए गए। महिलाएं-युवतियों ने रंगोली के जरिए मां लक्ष्मी का स्वागत करने के लिए पूरी तैयारी की। घरों में पूजा-अर्चना के दौरान मां लक्ष्मी की कृपा के लिए सामूहिक प्रार्थना की गई। पटाखों की गंूज से हर गली-मोहल्लों में शोरगुल आधी रात तक रहा। पटाखों के बाजार में भी इस बार काफी चहल-पहल रही। बच्चों के लिए परिवार वालों ने चकरी, अनारदाना, बुलेट बम सहित छोटे-आकार के पटाखों को खरीदा। पिछले कुछ सालों में पटाखों के प्रति हर किसी का रूझान बढ़ा है।

बाजार में लक्ष्मी पूजा के दिन काफी गहमा-गहमी रही। मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के लिए उपयोगी सामग्रियों की खरीदी की गई। शाम को सामुहिक रूप से घरों में मां लक्ष्मी की आराधना की गई। घरों में दिवाली के लिए स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाए गए। मिठाईयों की हर घर में तरह-तरह का प्रकार देखा गया। विभिन्न मिठाईयों का स्वाद लेकर एक-दूसरे को दीवाली पर्व की शुभकामनाएं दी गई। इस बीच शहर के अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। आदतन अपराधियों के खिलाफ पुलिस ने पहले से ही धर-पकड़ अभियान छेड़ रखा था। नतीजतन शहर में बदमाशों पर पुलिस ने पूरी तरह से शिकंजा कस दिया था। दिवाली के धूम-धड़ाके के बीच गौरा-गौरी की पूजा-अर्चना एवं विसर्जन का माहौल बना रहा। ग्रामीण क्षेत्रों में गौरा-गौरी की पूजा-अर्चना के लिए पूरा गांव जुटा। लक्ष्मी पूजा के दूसरे दिन दिवाली पर खानपान में लोग मस्त रहे। लजीजदार भोजन में एक-दूसरे को आमंत्रित किया गया। गैर हिन्दू लोगों को घरों में आमंत्रित कर स्वागत सत्कार में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। दिवाली पर पारंपरिक रूप से खीर-पुड़ी के साथ-साथ अन्य मिठाईयों को परोसा गया। आनंद पूर्वक त्यौहार मनाकर  लोगों ने मिशाल पेश की।

दिवाली पर बिखरी खुशियां परिवार वालों की मौजूदगी से दोगुनी हो गई। त्यौहार के मद्देनजर घरों में ही मनोरंजन के साधन जुटाए गए। परिवार वालों के साथ पूरा वक्त देकर लोगों ने इस त्यौहार का भरपूर मजा लिया। समय व्यतीत करने के लिए सामुहिक गीत-संगीत का कार्यक्रम भी रखा गया। वहीं कुछ परिवार वालों ने स्थानीय थियेटरों में पहुंचकर नई फिल्मों का भी आनंद उठाया। कल दिनभर घरों में आगंतुकों के आने-जाने का दौर चलता रहा।


मड़ई-मेले का दौर आज से शुरू
दिवाली पर्व की समाप्ति के बाद आज से मड़ई मेले का दौर शुरू हो गया। मडई-मेले को परंपरागत रूप से हर गांव में मनाया जाता है। तकरीबन 3 महीने तक पूरे क्षेत्र में मड़ई और मेले का सिलसिला चलता रहेगा। धान कटाई के बाद मड़ई-मेले का क्रम तेज हो जाएगा। आज शहर के सबसे बड़े पुराने बस स्टैंड में मां काली माई मंडई का आयोजन होगा। बस स्टैंड में वर्षों से मां काली के नाम पर दिवाली के ठीक दूसरे दिन यह आयोजन किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में मड़ई-मेले को काफी महत्व दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि मड़ई-मेले में पारिवारिक वातावरण के बीच गांव के लोग एक-दूसरे से आत्मीय संबंध बढ़ाने के उद्देश्य से पहुंचते हैं। यही वजह है कि गांव में मड़ई मेले का अब भी महत्व बरकरार है।

 भाईयों के लिए मांगी दुआएं
भाईदूज पर्व पर शुक्रवार को बहनों ने पारंपरिक रूप से आरती कर भाईयों की लंबी उम्र की कामना की। परंपरागत रूप से पूजा कर भाई-बहनों ने एक-दूसरे से ताउम्र रिश्ते निभाने का वचन दिया। बहनों ने भाईयों के माथे में तिलक लगाकर जहां अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। भाईयों के मुंह मीठा कराते बहनों ने हर तकलीफ में साथ देने का वचन लिया। बेहद ही खुशनुमा वातावरण में बहनों ने भाईयों के प्रति अपना प्रेम जाहिर करते जिंदगी में तकलीफ के समय साथ रहने का भरोसा लिया। घरों में आज भाई-बहनों के बीच इस पर्व पर हंसी-ठिठोली का दौर जारी रहा। भाईयों को मनचाहा तोहफा दिया। वहीं तोहफे पाकर भाईयों की आंखे भर आई।

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