राजनांदगांव

जिला जेल में फर्जी राशन सप्लाई मामले में पूर्व अधीक्षक ने तीन कर्मियों को ठहराया दोषी
07-Nov-2021 12:39 PM
जिला जेल में फर्जी राशन सप्लाई मामले में पूर्व अधीक्षक ने तीन कर्मियों को ठहराया दोषी

तत्कालिन अधीक्षक मेश्राम का बयान में षडयंत्र का आरोप

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 7 नवंबर।
राजनांदगांव जिला जेल में करीब छह साल पहले हुए फर्जी राशन सप्लाई के मामले की फाईल एक बार फिर खुल गई है। वहीं प्रकरण में राज्य सरकार ने फौरी कार्रवाई करते तत्कालिन जेल अधीक्षक जेएल मेश्राम को निलंबित कर दिया था। 20 फरवरी 2015 को एक बांस निर्मित सुपा-टोकनी कारोबारी के बिल के जरिये राशन सप्लाई  किए जाने के मामले में जेल प्रशासन ने मेश्राम को निलंबित कर दिया था। राज्य सरकार के एकतरफा कार्रवाई के खिलाफ मेश्राम गुजरे पांच सालों से लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक जिला जेल में पदस्थ रामभरोसा साहू, चुरामन साहू, महेश कैवर्त और व्यापारी अनिल यादव के खिलाफ तत्कालिन जेल अधीक्षक मेश्राम ने अनुसूचित जाति थाना में मामला दर्ज कराया है। मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार को कलमबंद बयान में उन्होंने आरोप लगाते बताया कि तत्कालिन स्टोरकीपर रामभरोसा साहू, स्थापना प्रभारी चुरामन साहू, जेल प्रभारी महेश कैवर्त और व्यापारी अनिल यादव ने षडयंत्रपूर्वक राशन मामले में उन्हें फंसाया है। स्थानीय गोलबाजार में अनिल यादव का परंपरागत  सुपा-टोकनी का कारोबार है। फर्जी राशन का मामला उस समय सुर्खियों में आया, जब जेल में लाखों रुपए का राशन घोटाला सामने आया। जांच के दौरान सुपा-टोकनी कारोबारी के दुकान के बिल राशन सप्लाई के नाम पर प्रस्तुत किए गए। इस पूरे मामले में मेश्राम को   दोषी ठहराते न सिर्फ निलंबित किया गया, बल्कि उन्हें बतौर सजा बीजापुर में पदस्थ कर दिया गया।

मिली जानकारी के मुताबिक बयान में उन्होंने सीधे तौर पर उक्त चारो को ही दोषी ठहराया है। मेश्राम ने अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ अलग-अलग स्तर पर भी शिकायत की है। माना जा रहा है कि जेल के इस पांच साल पुराने प्रकरण पर अब खुलासे होंगे। एसपी डी. श्रवण से भी उक्त अफसर ने जांच की मांग की है।

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