राजनांदगांव
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पोषण के लिए आयुर्वेद का महत्व बहुत अधिक - डॉ. प्रज्ञा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 9 नवंबर। धन्वंतरी जयंती पर शासकीय आयुष पॉलीक्लिनिक चिखली में छठवें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि महापौर हेमा देशमुख ने धनवंतरी की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
महापौर श्रीमती देशमुख ने कहा कि पोषण के लिए आयुर्वेद महत्वपूर्ण स्थान रखता है। छत्तीसगढ़ के स्थानीय भोज्य पदार्थ पोषण की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। सभी नागरिकों को इसका सेवन जरूर करना चाहिए। जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. रमाकांत शर्मा ने विभाग के गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
डॉ. प्रज्ञा सक्सेना ने बताया कि पोषण के लिए आयुर्वेद का महत्व बहुत अधिक है। आयुर्वेद में अन्न को प्राण एवं महाभैषज्य कहा गया है। डॉ. सक्सेना ने पोषण के लिए गर्भिणी को गर्भावस्था में, बच्चे के जन्म के बाद सूतिका एवं धात्री को स्तनपान के लिए विभिन्न प्रकार के आहार सेवन करने के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने जन्म से 16 वर्ष तक के बच्चों एवं किशोरी बालिकाओं के पोषण के विषय में बताया। इस दौरान आहार पोषण प्रदर्शनी में पोषण की महत्ता को बताने के लिए अलग-अलग भोज्य पदार्थ, छत्तीसगढ़ के पारंपरिक भोज्य पदार्थ एवं औषधियों को प्रदर्शित किया गया था।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुरेन्द्र कुमार मेश्राम द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज मनकी प्रोफेसर डॉ. अजय कुमार श्रीवास्तव उपस्थित थे। संगोष्ठी में छत्तीसगढ़ आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज मनकी के छात्राओं ने उपरोक्त प्रदर्शनी मे सहभागिता की।
इस कार्यक्रम में रंगोली, फ्लैक्स आदि द्वारा पोषण के विषय में बताया गया। अन्य आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉ. वैशाली महाकालकर, डॉ. योगेश्वरी ठाकुर, डॉ. हर्षा बरईयां, डॉ. नरोत्तम नेताम, डॉ. दिनेश सोनी ने भी पोषण पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए।