राजनांदगांव

मुख्यमंत्री के स्वागत पर हेलीपेड पर भिड़े कांग्रेस के दो नेता
12-Nov-2021 12:54 PM
मुख्यमंत्री के स्वागत पर हेलीपेड पर भिड़े कांग्रेस के दो नेता

देवव्रत सिंह को श्रद्धांजलि देने खैरागढ़ पहुंचे बघेल से मिलने कहासुनी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 12 नवंबर।
खैरागढ़ के विधायक स्व. देवव्रत सिंह के आकस्मिक देहावसान पर शोकाकुल परिवार से मिलने के लिए गत् दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रवास के दौरान जिले के दो नेताओं के बीच जमकर कहासुनी हो गई। पूरा मामला मुख्यमंत्री से मुलाकात को लेकर जुड़ा हुआ है। जिला संगठन के प्रमुख रहे एक पूर्व नेता और वर्तमान में संगठन के अहम पद पर काबिज नेता के बीच हेलीपेड में ही बहस हो गई। दोनों नेताओं को भिड़ते देखकर उनके समर्थकों में भी तनाव बढ़ गया।

सूत्रों का कहना है कि दोनों कांग्रेसी नेता जिले की सियासत में खुद को प्रमुख  नेता के रूप में मानते हैं। ऐसे में दोनों के बीच अपने करीबियों को मुख्यमंत्री से प्रत्यक्ष मुलाकात कराने की एक होड़ रही। इसी प्रयास के कारण दोनों में विवाद होता रहा। पिछले तीन साल के भीतर कांग्रेस में गुटीय राजनीति पूरे चरम पर है। राजनांदगांव की स्थिति सांगठनिक दृष्टिकोण से कतई बेहतर नहीं मानी जा सकती। ब्लॉक से लेकर जिला के साथ-साथ कार्यकर्ताओं में भी काफी घमासान मचा हुआ है। खैरागढ़ में शोक मिलन के लिए मुख्यमंत्री के पहुंचने से पूर्व दोनों नेताओं ने अपने समर्थकों को मुख्यमंत्री का स्वागत और परिचय कराने के लिए रस्साकसी होती रही। दोनों किसी भी सूरत में मुख्यमंत्री के स्वागत और मुलाकात को लेकर पीछे नहीं हटना चाहते थे। यही हाल होने से विवाद स्पष्ट रूप से सामने आ गया। हेलीपेड में दाखिला कराने के लिए अलग-अलग सूची भी बनाई गई थी। जिसमें दोनों नेताओं को एक-दूसरी की सूची पर आपत्ति भी थी। खैरागढ़ में मुख्यमंत्री के दौरे के मद्देनजर पुलिस ने सुरक्षागत कारणों से सूची में सीमित नाम शामिल किए थे। एक-दूसरे के समर्थकों का नाम नहीं होने के कारण दोनों नेताओं ने सुरक्षाधिकारियों से आपत्ति भी की, जिस पर अधिकारी  भी हस्तक्षेप करने की स्थिति में नहीं थे।

हालांकि मुख्यमंत्री के वापसी के बाद दोनों नेताओं के बीच हुई कहा-सुनी के कुछ अंश सोशल मीडिया में वायरल हो गए। दोनों सीधे तौर पर भिड़ते किसी भी तरह से अपने समर्थकों के हाथों मुख्यमंत्री का स्वागत कराने के लिए जोर लगा रहे थे। बहरहाल कांग्रेस की  राजनीति में स्पष्ट है कि उक्त नेताओं का आपस में मनमुटाव लंबे समय से है। ऐसे में संगठन और मुख्यमंत्री के दौरे में गुटीय लड़ाई उभरकर सामने आ रही है।

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