राजनांदगांव

गुजरे तीन साल में पौने नौ सौ को सडक़ हादसों में अपनों को खोया
12-Nov-2021 1:41 PM
गुजरे तीन साल में पौने नौ सौ को सडक़ हादसों में अपनों को खोया

 

  नांदगांव में तेज रफ्तार बनी असली वजह, ढ़ाई हजार जख्मी भी हुए  

प्रदीप मेश्राम
राजनांदगांव, 12 नवंबर (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)।
जिले में सडक़ हादसों में जान गंवाने के मामलों में बढ़ती संख्या बेहद चिंताजनक है। गुजरे तीन साल में सडक़ दुर्घटना में लोगों ने अपनों को खोया है। सडक़ों में बढ़ती वाहनों की रफ्तार ज्यादातर हादसों के पीछे असल वजह है। समूचे जिले के हादसों के आंकड़े खतरनाक स्तर पर पहुंच गए हैं। 2019 से मौजूदा साल 2021 अक्टूबर तक के आंकड़े सडक़ों में हो रही मौतों की भयावह स्थिति को जाहिर कर रही है। राजनांदगांव जिले में  चौतरफा हादसों से बेसमय लोगों की जान चली गई। ट्रेफिक पुलिस की कोशिशें हादसों को रोकने में नाकामयाब हो गई है। पुलिस की ओर से बरती जा रही सख्ती नाकाफी साबित हो रही है। जबकि यातायात पुलिस नियम-शर्तों पर आधारित कार्यशालाओं का भी आयोजन करती रही है। हर साल पुलिस यातायात सप्ताह के जरिये ट्रेफिक के नियमों का सख्त पालन करने पर भी लोगों को जागरूक करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इससे पहले सडक़ हादसों में मोटर साइकिल की तेज रफ्तार से मौतों का आंकड़ा बढ़ गया है। एक जानकारी के मुताबिक देहात क्षेत्रों की स्थिति सडक़ हादसों के चलते दयनीय स्थिति में है।

मिली जानकारी के मुताबिक शाम होने के बाद तेज रफ्तार से दौड़ती दो पहिया वाहन काल साबित हो रही है। पिछले तीन वर्षों में जिले में 866 लोगों ने हादसों में दम तोड़ दिया। यानी हर साल औसतन 288 लोग दुनिया छोडक़र चले गए। हादसों में घायलों के आंकड़े भी चौंकाने वाले हैं। लगभग 2512 लोग सडक़ों में घायल हुए हैं। दुर्घटना में जख्मी हुए लोगों की सेहत पर इसका असर पड़ा है। हाथ-पैर टूटने से लेकर मस्तिष्क में चोंट पहुंचने से लोगों को घायल होने के बाद से सम्हलने में परेशानी हो रही है। परिजनों के लिए घायलों का उपचार कराना एक आर्थिक संकट जैसा साबित हो रहा है। तीन साल में 2400 सडक़ दुर्घटना के प्रकरण यातायात पुलिस ने दर्ज किया है।  जिसमें 2019 में 960 प्रकरण में से 316 की मौत हुई। वहीं 1098 हुए हैं। इसी तरह 2020 में 816 प्रकरण में से 306 की मृत्यु और 838 घायल हुए हैं। वहीं 2021 सितंबर माह तक में 624 प्रकरण में 244 की मृत्यु तथा 576 लोग घायल हुए हैं। बीते तीन साल के आंकड़ों में सर्वाधिक मौतें 2019 में हुई है।

यातायात विभाग सडक़ हादसों को लेकर लोगों को लगातार समझाईश भी दे रहा है। जिस तरह से  आटोमोबाइल के क्षेत्र में तेज रफ्तार के वाहन सडक़ों में उतरे हैं। उससे सडक़ हादसों में भी बेतहाशा वृद्धि हो रही है। हाल ही के वर्षों में युवाओं ने हाईस्पीड मोटर साइकिल में फर्राटा भरने का शौक बढ़ा है। तेज रफ्तार से वाहन चलाने की आदत ने कई लोगों को उनके परिजनों से दूर कर दिया। राजनांदगांव जिले में छत्तीसगढ़ के दूसरे बड़े शहरों की तुलना में यातायात का दबाव कम है। इसके बावजूद इस तरह के बढ़ते आंकड़े खौफ पैदा कर रहे हैं।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news