राजनांदगांव

ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास के लिए माहौल विकसित कर परिवर्तन लाएं- कटारिया
12-Nov-2021 5:55 PM
ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास के लिए माहौल विकसित कर परिवर्तन लाएं- कटारिया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 12 नवंबर।
ग्रामीण कौशल, ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत शासन के संयुक्त सचिव अमित कटारिया गुरुवार को नेशनल एकेडमी ऑफ रूडसेटी एवं ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) बरगा द्वारा आयोजित डोमेन स्किल ट्रेनर्स टीओटी कम सर्टिफिकेशन प्रोग्राम 2021 में शामिल हुए। इस अवसर पर कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा, जिला पंचायत सीईओ लोकेश चंद्राकर, नेशनल डायरेक्टर आरसेटी बेंगलुरू विपुल चंद्र साहू, कंट्रोलर एसिसमेंट सर्टिफिकेशन एनडीआर आरआर सिंह, ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत शासन के रजत गुप्ता, शिव सोनी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

संयुक्त सचिव श्री कटारिया ने कहा कि विभागीय योजनाओं के तहत ग्रामीण विकास का कार्य राजनांदगांव से प्रारंभ होगा। आरसेटी द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी योजना एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है। जिला प्रशासन, जिला पंचायत एवं आरसेटी तथा सभी के समन्वय से कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 118 आरसेटी है, जहां विकासखंड एवं ग्रामीण स्तर पर उनका प्रत्यक्ष तौर पर प्रभाव है। यहां प्रशिक्षित टे्रनर आगे चलकर दूसरों को प्रशिक्षण देकर उन्हें सक्षम बनाएंगे। टे्रनर्स की यह जिम्मेदारी है कि वे प्रशिक्षुओं को बेहतर प्रशिक्षण दें। बुनियादी ढांचे के साथ अद्यतन तकनीकी एवं अपग्रेड जानकारी भी उन्हें दें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कौशल विकास के लिए माहौल विकसित करें तथा परिवर्तन लाएं। डीएलसीसी में महिला स्वसहायता समूह को अधिक से अधिक ऋण प्रदान करने के लिए भी उन्होंने कहा।

कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने कहा कि महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए आरसेटी के माध्यम से मदद की जा रही है और उन्हें बैंक के माध्यम से ऋण भी दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सुरगी में हेचरी के माध्यम से कडक़नाथ मुर्गीपालन किया जा रहा है। जिसके लिए बैंक से ऋण दिया जा रहा है। ग्रामीणों की आय बढ़ाने कृषि से जुड़े अन्य कार्यों से जोड़ा जा रहा है। शासन द्वारा मछलीपालन एवं लाख की खेती को कृषि का दर्जा दिया गया है। इससे कच्चे माल की उपलब्धता होगी और इस दिशा में बेहतर कार्य किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि नवाचार को अपनाते अपनी आय में वृद्धि करें तथा सफलता की नई ईबारत लिखे। उल्लेखनीय है कि दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के 68 प्रशिक्षकों को ट्रेनिंग दी गई।

इस अवसर पर टे्रनर्स ने अपनी बातें साझा की। खैरागढ़ निवासी आर्टिफिशियल ज्वैलरी की प्रशिक्षक राजेश्वरी अग्रवाल ने बताया कि अब तक उन्होंने 300 लोगों को ट्रेनिंग दी है और उन्हें यह कार्य करते हुए प्रसन्नता हुई है।

दुर्ग की जागृति साहू ने बताया कि उन्हें वहां मशरूम लेडी के नाम से जाना जाता है। उन्होंने बताया कि अब तक 12 हजार से अधिक लोगों को प्रशिक्षण दिया गया है। रायपुर की रत्ना ने बताया कि वे जैविक खेती कर रही है। यहां प्रशिक्षण के दौरान नाडेप खाद बनाने तथा बहुत कुछ सीखने को मिला।

अंबिकापुर के संदीप सिंह ने आरसेटी की अच्छी व्यवस्था एवं मार्गदर्शन की प्रशंसा की। इस अवसर पर आरसेटी डायरेक्टर बरगा अभिषेक ठाकुर, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के डीपीएम उमेश तिवारी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन ऋषभ मिश्रा ने किया। इस मौके पर सभी ने समूह की महिलाओं द्वारा लगाए गए स्टाल का अवलोकन भी किया।

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