राजनांदगांव
![हृदय रोग के लिए ‘संजीवनी हार्ट केयर’ नांदगांव के लिए बना वरदान हृदय रोग के लिए ‘संजीवनी हार्ट केयर’ नांदगांव के लिए बना वरदान](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1636981441r._Jhahid_Khan.jpg)
दो माह में हुए हृदय रोगियों के शत-प्रतिशत सफल इलाज, एंजियोप्लास्टी, स्टंटिंग और सर्जरी शामिल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 15 नवंबर। राजनांदगांव में कुछ ही समय पूर्व प्रारंभ हुए ‘संजीवनी हार्ट केयर एंड सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल’ में जहां पर क्षेत्र में पहली बार हृदय रोगियों के लिए पूर्ण अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। यहां मुम्बई से प्रशिक्षित हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. जाहिद खान और उनकी टीम ने राजनांदगांव के सबसे आधुनिकतम ‘हार्ट केयर हास्पिटल’ में दो माह के दौरान दस एंजियोप्लास्टी सहित सैकड़ों हृदय रोगियों के शत-प्रतिशत सफल इलाज किया गया है। जिनमें एंजियोप्लास्टी के साथ स्टंटिंग और सर्जरी शामिल है।
एक सर्वे के मुताबिक आज के समय में दुनियाभर में युवाओं में भी हृदय रोग का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है। आज के वक्त में युवाओं में दिल की बीमारी सामान्य हो गई है। वहीं अब युवतियों, महिलाओं में भी हार्ट अटैक का जोखिम बढऩे लगा है। हार्ट अटैक के अलावा कम उम्र की महिलाओं में अन्य दिल की बीमारियां भी देखने को मिल रही हैं। दिल के दौरे का इलाज से ज्यादा बचाव जरूरी होता है।
संजीवनी हार्ट केयर एंड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. जाहिद खान के अनुसार हमारा हृदय यानी की दिल एक मस्कुलर अंग है, जो दिन में एक लाख बार धडक़ता है। हमारा दिल छाती के बांई ओर होता है, जो कि 24 घंटों में पूरे शरीर में 5000 गैलन रक्त पंप करता है। हृदय का मुख्य कार्य हमारे टिश्यू को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति करना है। यह शरीर को कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य विषाक्त से छुटकारा पाने में भी मदद करता है। मेडिकल की भाषा में कहें तो हार्टअटैक को ’मायोकार्डियल इंफ्राक्शन के रूप में जाना जाता है। हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में काफी अंतर है। आम बोलचाल की भाषा में दिल का दौरा पडऩा, दरअसल हार्ट अटैक कहलाता है और कार्डियक अरेस्ट इससे अलग और ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। कार्डियक अरेस्ट में दिल के भीतर विभिन्न हिस्सों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान गड़बड़ हो जाता है। जिसकी वजह से दिल की धडक़न पर बुरा असर पड़ता है। स्थिति पूरी तरह बिगडऩे पर दिल की धडक़न रूक जाती है और व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, जिन लोगों को पहले से दिल की बीमारी हो, उनमें कार्डियक अरेस्ट होने की आशंका ज्यादा रहती है, जिन लोगों को पहले हार्ट अटैक हो चुका हो, उनमें कार्डियक अरेस्ट की आशंका बढ़ जाती है। हृदय की मांसपेशियां शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त रक्त पंप करने में असमर्थ होती हैं। मरीजों को अक्सर इस स्थिति की शिकायत तब होती है जब उनका दिल कमजोर हो जाता है या किसी अन्य हृदय संबंधी स्थिति से क्षतिग्रस्त हो जाती है। जैसे कि दिल का दौरा, जन्मजात हृदय दोष, कोरोनरी धमनी रोग, हाई ब्लड प्रेशर या कार्डियोमायोपैथी इत्यादि/ इसीजीए चेस्ट एक्स-रे, इकोकार्डियोग्राम, एंजियोग्राम, कार्डिएक सीटी या एमआरआई इत्यादि के जरिये रोग के बारे में जानकारी प्राप्त करना आज के समय में बहुत ही आसान है। सीने में जकडऩ और बेचैनी, सांसों का तेजी से चलना, चक्कर के साथ पसीना आना, नब्ज कमजोर पडऩा और बेचैनी होने जैसी हार्ट अटैक के प्रमुख लक्षणों को पहचानें और तत्काल चिकित्सीय सहायता प्राप्त करना चाहिए।
आकस्मिक परिस्थितियों से निपटने में सक्षम अत्याधुनिक उपकरणों और संसाधनों से सुस्सजित संजीवनी हार्ट केयर एंड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में ह्रदय रोगियों के लिए हर समय उपलब्ध रहने वाले हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के साथ उन्नत कार्डिएक कैथ लैब मशीन की सुविधाएं कार्डियक एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, स्टेंटिंग, पेसमेकर लगाने हेतु सर्वसुविधायुक्त इकाई उपलब्ध है, जो कि अनेक गंभीर मरीजों के इलाज हेतु महत्वपूर्ण साबित हुई हैं। अस्पताल के पास नवीनतम वेंटिलेटर, मॉनिटर, लाइफ सपोर्ट सिस्टम है। साथ ही योग्य और अनुभवी सलाहकार, गहन चिकित्सा विशेषज्ञ, प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ और तकनीशियन की समर्पित टीम जो ऐसे रोगियों को अच्छी देखभाल के साथ उनके उत्तम स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए हर समय उपस्थित है।