राजनांदगांव
![युवकों की पिटाई के विरोध में मानपुर रहा बंद युवकों की पिटाई के विरोध में मानपुर रहा बंद](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1637063902jn__9a.jpg)
मदनवाड़ा-खडग़ांव थाना प्रभारी पर यातना का भी आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 16 नवंबर। मानपुर के आबकारी बेरियर में अस्थाई रूप से प्रहरी का काम करते दो युवकों की पुलिस पिटाई के विरोध में मंगलवार को मानपुर पूरी तरह से बंद रहा। मारपीट के विरोध में बंद को चेम्बर ऑफ कामर्स ने भी समर्थन दिया। वहीं दूसरे संगठनों ने भी पुलिस रवैये की खिलाफत करते हुए बंद में भागीदारी दी।
पूरा मामला यह रहा कि मदनवाड़ा थाना प्रभारी शशांक पौराणिक और खडग़ांव थाना प्रभारी हेमवंत चंद्राकर आबकारी बेरियर के पास से गुजर रहे थे। इस दौरान बेरियर आधा गिरा हुआ था। इसी स्थिति में थाना प्रभारी के कार का साईड मिरर बेरियर से टकरा गया। इससे थाना प्रभारी आवेश में आ गए। कार में सवार दोनों प्रभारी सिविल डे्रस में थे, ऐसे में उन्हें कर्मचारी पहचान नहीं पाए। मिरर के टूटने के बाद दोनों ने जमकर युवकों को पीटना शुरू कर दिया। बाद में थाना में लाकर रातभर खड़े होने की सजा दे दी। यह खबर जैसे ही परिजनों को लगी, तो सभी थाना पहुंच गए। वहां पदस्थ एसआई ने परिवार वालों से भी बदसलूकी की। इसके बाद पूरा मामला गरमा गया। युवकों की पिटाई के विरोध में मानपुर को बंद रखने का ऐलान किया गया। पुलिस ज्यादती के खिलाफ चेम्बर ऑफ कामर्स भी साथ खड़ा हो गया। जिसके चलते आज मानपुर में व्यापारिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप रही। लोगों ने धरना देकर पुलिस के रवैये के खिलाफ जोरदार आवाज उठाई। सूत्रों का कहना है कि पूरे मामले को लेकर पुलिस ने आंदोलनरत लोगों से संपर्क भी साधा, लेकिन दोनों प्रभारियों के खिलााफ निलंबन की मांग पूरी होने तक बंद रखने का ऐलान किया गया।
गौरतलब है कि मानपुर में पुलिस और आम लोगों के बीच रिश्ते लगातार तनावभरे रहे हैं। आदिवासी समुदाय भी पुलिस के रवैये को लेकर समय-समय पर आंदोलन करता रहा है। नक्सल क्षेत्र होने के कारण पुलिस के लिए आम जनता से बेहतर तालमेल रखने की कई बार अफसरों ने सीख भी दी, बावजूद इसके इस घटना ने पुलिस के आक्रमक चेहरे को उजागर किया है।