राजनांदगांव
जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में स्त्री रोग चिकित्सक की मांग, सौंपा ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 नवंबर। जिलेभर के मितानिनों ने सोमवार को कलेक्टर जनदर्शन में ज्ञापन सौंपते जिला चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज में स्त्री रोग चिकित्सक की व्यवस्था करने की मांग रखी।
मितानिनों ने मांग करते कहा कि जब से मेडिकल कॉलेज जिला चिकित्सालय से अलग होकर पेंड्री चला गया है, तबसे हम गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए जिला चिकित्सालय लाते हैं तो हमें रिफर कर दिया जाता है कि डॉ. खुंटे अकेले हैं, इसलिए मेडिकल कॉलेज ले जाओ। मेडिकल कॉलेज ले जाने पर वहां जवाब मिलता है कि डॉक्टर नहीं है, तुम लेट आए हो कहा जाता है। साथ ही भर्ती करने से भी इंकार किया जाता है। वहीं निजी अस्पताल ले जाने की सलाह दी जाती है।
मितानिनों ने बताया कि निजी अस्पतालों में कई जगह आयुष्मान कार्ड नहीं चलता। जिसके चलते हितग्राहियों को मनचाही राशि प्राईवेट अस्पताल वाले ले लेते हैं। हर अस्पताल में प्रसव का अलग-अलग राशि लिया जाता है। 2-3 दिन इस अस्पताल से उस अस्पताल चक्कर लगाने के बाद मरीज यदि प्राईवेट अस्पताल में प्रसव हो जाती है तो हमें 2-3 दिन उनका सहयोग के बाद भी प्रोत्साहन राशि से वंचित होना पड़ता है। साथ ही कई गरीब परिवार पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि आम जनता का सरकारी अस्पताल से विश्वास कम होने लगा है। इसके लिए भी घरवालों का गुस्से का सामना मितानिनों को ही करना पड़ता है। मितानिनों ने कलेक्टर से मांग करते कहा कि दोनों अस्पतालों में 24 घंटे सिजेरियन प्रसव हो सके इसके लिए स्त्री रोग चिकित्सक एवं अन्य सहयोगी स्टॉफ की व्यवस्था किया जाए।
दो माह के प्रोत्साहन राशि की मांग
मितानिनों ने कोरोनाकाल में मितानिन एवं एमटी को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि दिलाने की मांग की। मितानिनों ने कहा कि कोरोनाकाल में प्रति बुधवार एवं गुरुवार परिवार भ्रमण कर कोरोना संभावित मरीज के लक्षण का पता करने पर प्रतिमाह मितानिन को एक हजार एवं एमटी को 500 रुपए प्रतिमाह अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दिए जाने की घोषणा किया गया था, जो हमें अगस्त और सितंबर माह का राशि नहीं मिला है। मितानिनों ने कहा कि तीन माह का राशि नहीं दिया जाएगा एवं पिछले तीन माह में जो राशि प्राप्त हो चुका है उसे भी काटा जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें प्राप्त प्रोत्साहन राशि काटा जाना, फिर बाकी के बचे माह का प्रोत्साहन राशि नहीं दिया जाना हम मितानिनों एवं एमटी के साथ धोखा है।