राजनांदगांव
राजस्थान मालपुरा में ली दीक्षा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 2 दिसंबर। आध्यात्मिक जीवन में प्रवेश करने के बाद राजनंादगांव के मयंक लोढ़ा को दीक्षा ग्रहण करने के बाद नया आध्यात्मिक नाम मिल गया है। राजस्थान के मालपुर में गुरुवार को एक भव्य समारोह में दीक्षा ग्रहण करने के बाद मयंक अब मुनि मैत्रीवर्धन सागर के रूप में जाने जाएंगे।
सांसारिक जीवन माता-पिता द्वारा दिए गए नाम और पहचान अब खत्म हो गई। पिछले सप्ताह शहर में 5 दिवसीय संयम महोत्सव के जरिये मयंक का जोरदार समाज और अन्य लोगों ने ऐतिहासिक अभिनंदन किया था। आज राजस्थान के मालपुरा में दीक्षा ग्रहण कर मयंक ने सांसारिक नियमों को पीछे छोड़ दिया। एक साधु के तौर पर वह भगवान महावीर स्वामी के सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार करेंगे। वहीं दुनिया को संयम और अनुशासित जीवन जीने के प्रति प्रेरित करेंगे।
राजस्थान में दीक्षा के बाद उनका नया आध्यात्मिक रूप सामने आया है। उन्होंने मुनि का परिधान ओढ़ लिया है। साथ ही जैन धर्म के रिवाजों के अनुसार वह अब जीवन-यापन करने की राह पर निकल पड़े हैं। मयंक के माता-पिता ने दीक्षा ग्रहण से पूर्व उनसे बातचीत की। इसके बाद वह दीक्षा के लिए मुनि राज श्री महंत सागर और मणिप्रभा जी के सानिध्य में चले गए।