राजनांदगांव
बाजार-चौराहों पर नियम-शर्तें नदारद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 5 दिसंबर। कोरोना के नए वैरियंट ओमिक्रॉन की दहशत से जहां पूरी दुनिया हिली हुई है। वहीं शहर में इस वायरस के डर की परवाह करना छोड़ लोग मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को भूला बैठे हैं। बाजार और चौक-चौराहों में कोविड-19 की महत्वपूर्ण शर्तों में शामिल मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग नदारद है। लगातार सामाजिक कार्यक्रमों में भी इन शर्तों को दरकिनार किया जा रहा है।
जानकार बता रहे हैं कि ओमिक्रॉन का वैरियंट डेल्टा की तुलना में 5 गुना संक्रमित है। देश और दुनिया में ओमिक्रॉन से संक्रमित मामलों में हो रही तेजी से कोरोना के तीसरी लहर की आशंका को बल मिला है। शहर के व्यापारिक मार्गों में भीड़ से सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने वालों में गिनती के लोग नजर आ रहे हैं। दूसरी लहर के दौरान कोरोना ने अपना वीभत्स रूप दिखाया था। इस लहर में कई लोगों की अकाल मौत हुई। वहीं लाखों लोग संक्रमित भी हुए। ओमिक्रॉन से पीडि़तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। माना जा रहा है कि यही स्थिति तीसरी लहर बन सकती है।
सार्वजनिक जगहों में और भीड़ वाले इलाकों में मास्क से लोगों ने तौबा कर लिया है। स्वास्थ्य महकमा लगातार कोरोना के खात्मे तक मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जोर दे रहा है। चिकित्सकों का मानना है कि खतरा पूरी तरह से टला नहीं है। इसके बावजूद लोगों को कोरोना के भयावह हालात का डर नहीं है। इस बीच नए वैरियंट से सुरक्षा बरतने के लिए बार-बार प्रशासन की ओर से चेतावनी दी जा रही है।
सीमावर्ती राज्यों में विशेषकर नागपुर से छत्तीसगढ़ राज्य में दाखिल होने वाले मार्ग में एहतियात बरती जा रही है। हाईवे के रास्ते पहुंच रहे लोगों की सेहत पर विशेष निगरानी की जा रही है। उधर शहर के बाजार-हाट में बढ़ती भीड़ खतरे को न्यौता दे रही है। बहरहाल तीसरी लहर की आशंका को ओमीक्रॉन ने बल दिया है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने पर ज्यादा ध्यान देना होगा।