राजनांदगांव
कानून से अधिसूचित क्षेत्रों का होगा संवर्धन और संरक्षण
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 5 दिसंबर। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि राज्य सरकार के पेसा कानून से आदिवासियों के हित सुरक्षित रहेंगे। वहीं अधिसूचित क्षेत्रों का संवर्धन और संरक्षण भी होगा। पांचवीं अनुसूचित के तहत प्रदेश सरकार पेसा कानून को लेकर तैयारी कर रही है। इस कानून के लागू होने से आदिवासी क्षेत्रों का आर्थिक और सामाजिक विकास सुरक्षागत प्रक्रिया के तहत होगा।
रविवार को बालोद जिले में कंगलामांझी सरकार के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राजधानी रायपुर से निकली राज्यपाल ने स्थानीय सर्किट हाउस में पत्रकारों से चर्चा कर बताया कि कंगला मांझी एक स्वतंत्रता सेनानी होने का दायित्व निभाते हुए वनवासियों के हितों के लिए मांझी सरकार का गठन किया था। मांझी सरकार ने हमेशा आदिवासी वर्ग के आर्थिक और सामाजिक उन्नति को लेकर संघर्ष किया।
राज्यपाल ने कहा कि पेसा कानून आदिवासियों के विकास और उनके हितों की सुरक्षा के लिए कारगर साबित होगा। इस अवसर पर एसपी डी. श्रवण ने राज्यपाल को गुलदस्ता भेंटकर उनका स्वागत किया।
इस अवसर पर सीएसपी लोकेश देवांगन, कोतवाली टीआई एलेक्जेंडर किरो, बसंतपुर टीआई समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।