बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 25 जनवरी। ग्राम गुमा के किसानों ने अल्ट्राटेक सीमेंट संयंत्र कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। किसानों का आरोप है कि विगत 11 वर्षों से अपने जमीन की मुआवजा के लिए परेशान है। जमीन सीमेंट संयंत्र के माइंस और कंपनी के बीच फंस गयी है और वे न तो अपनी जमीन में ठीक से खेती नहीं कर पा रहे है, जिससे उनकी आर्थिक हालत दयनीय हो रही है। किसानों का कहा हैं कि फसल नहीं होने से कर्जा बढ़ रहा है, ऐसे में अब किसान माइंस किनारे अपनी जमीन पर धरने पर बैठ गये है और तब तक नहीं उठने की बात कह रहे है जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल पाता।
धरने पर बैठे आदिवासी किसानों ने बताया कि उनके साथ प्रशासन के अधिकारी और अल्ट्राटेक सीमेंट संयंत्र अन्याय कर रहा है, विगत ग्यारह वर्षों से हम लोग परेशान है। हमारी जमीन के एक ओर माइंस का खदान है, तो दूसरी ओर कंपनी दोनों के बीच हमारी खेत है जहां हम खेती नहीं कर पा रहे है और नहीं हमारी जमीन नहीं बिक रही है। इसको लेकर हम लोग अनेकों बार आवेदन दे चुके है पर सुनवाई नहीं हो रही। किसानों ने बताया कि एसडीएम तीर्थराज अग्रवाल के समय सरफेस राईट के तहत 34 लाख रू प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा पत्रक तैयार हुआ था, जिसे बाद में कैंसिल कर दिया गया तब से परेशान है।
किसानों ने बताया कि कलेक्टर से लेकर मुख्य सचिव तक आवेदन दे चुके है पर सुनवाई नहीं हो रही है, वहीं कंपनी के अधिकारी हठधर्मिता दिखाते हुए बगैर मुआवजा के हमारी जमीन का उपयोग कर रहे है।
किसानों ने कहा कि हमारी जमीन के एक ओर माइंस है जहाँ विस्फोट होते रहता है और हम लोग जान हथेली में रख खेती करने का प्रयास करते है पर खेती भी नहीं हो पा रही है बाजु में माइंस होने के कारण पानी सुख जाता है।
किसानों ने कहा कि इन सब समस्यायों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे है ताकि प्रशासन हमारी सुने। इस संबंध में आदिवासी किसान मुख्तियार प्रभाकर मिश्रा ने बताया कि आदिवासी किसानों की मांग जायज है कंपनी सलफेट राइट एक्ट के तहत आवेदन नहीं दे रही है जो उचित नहीं है। जिसके कारण इन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा है, कलेक्टर भी आदिवासी किसानों का मजाक उड़ा रहे है इसी बात को लेकर आदिवासी किसान अपनी जमीन पर धरने पर बैठे है। इस संबंध में अपर कलेक्टर राजेन्द्र गुप्ता ने बताया कि जानकारी मिली है उन्हें बुलाया गया है, जिसके बाद मामले का हल निकाल लिया जायेगा।