गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 5 जून। भारतीय जनता युवा मोर्चा के विशेष आमंत्रित सदस्य किशोर देवांगन ने कहा कि काट दिए जो जंगल हमने तो, बादल भी न बरसेंगे, न करेंगे जो पर्यावरण संरक्षण, तो पानी को भी तरसेंगे। पर्यावरण व मानव का संबंध चिर काल से है। पानी ,पहाड़, पशु ,वन इत्यादि के बिना जीवन की कल्पना बेईमानी होगी ।हमारे जीवन को प्रभावित करने वाली सभी जैविक और अजैविक तत्व, तथ्यों,परिस्थितियों और घटनाओं से मिलकर बनी इकाई को पर्यावरण कहते हैं।
पर्यावरण प्राकृतिक और मानव निर्मित होते हैं। 5 जून 1973 को पहला विश्व ष्पर्यावरण दिवसष् मनाया गया था, वर्ष 2022 का थीम -ओनली वन अर्थ है। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य- पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाना है।
देवांगन ने कहा कि पर्यावरण संकट आज विश्व की सबसे बड़ी चुनौती है ।पर्यावरण का वजूद पंचतत्व यानी जल ,अग्नि ,वायु, आकाश ,पृथ्वी पर ही आधारित है। इन सभी तत्वों के संतुलन से ही जीवन संभव है, यदि इनमें से एक भी असंतुलित हो जाए तो जीवन की कल्पना संभव नहीं है। वर्तमान समय में प्रत्येक व्यक्ति को निम्न बातों पर गहन चिंतन करना चाहिए -मानव समाज व वन्य जीवों का पारस्परिक संबंध क्या है ? यदि वन्य जीव भू मंडल पर न रहे, तो पर्यावरण व मनुष्य के आर्थिक विकास पर क्या प्रभाव पड़ेगा।आज औद्योगिकरण व विकास की दौड़ में मनुष्य के द्वारा खनिज, ऊर्जा, वन, जल व के खाद्य इत्यादि संसाधनों का अंधाधुंध दोहन ने प्रकृति को तांडव करने के लिए विवश कर दिया है। परिणामस्वरूप अनेक वैश्विक संकट व दुष्परिणाम हमारे सामने हैं।
देवांगन ने कहा कि दिनोंदिन गंभीर रूप लेती अनेक समस्याओं से निपटने के लिए एक ऐसे अभियान की जरूरत है जो स्व प्रेरित हो , सर्व नेतृत्व हो व सब का समान अधिकार हो। यदि पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, तो समस्त मानव व जीव जंतु भी निरोग रहेंगे। पर्यावरण को साफ रखने के लिए हमें पौधारोपण करना चाहिए ,प्लास्टिक के उपयोग को अलविदा करना होगा।
देवांगन के कहा कि हमें आने वाले कल को सुरक्षित भविष्य देने के लिए पर्यावरण का संरक्षण और संवर्धन को अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा। पर्यावरण को संरक्षित करना किसी एक व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं,बल्कि यह हर व्यक्ति, समाज, संगठन व सरकार की जिम्मेदारी है। अंतत: जब होगा इस धरती पर पर्यावरण का सम्मान, तभी सुरक्षित होगी सबकी जान।