राजनांदगांव
शीर्ष नक्सल नेताओं और सीसी मेम्बरों की कड़ी सुरक्षा में तैनात रहेगी कंपनी
प्रदीप मेश्राम
राजनांदगांव, 20 जून (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ (एमएमसी) जोन के हार्डकोर नक्सली दीपक तिलतुमड़े के पुलिस के हाथों मारे जाने के बाद नक्सलियों ने रणनीतिक तौर पर बड़ा बदलाव करते सीसी कंपनी का गठन किया है। इस कंपनी का काम सीसी मेम्बरों और शीर्ष नक्सल नेताओं की सुरक्षा और देखभाल करना है। सीसी कंपनी वह कंपनी है जो नक्सल संगठन के पोलित ब्यूरो के सदस्यों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेगी।
एमएमसी जोन के प्रभारी और पोलित ब्यूरो के सदस्य दीपक तिलतुमड़े का जाना नक्सलियों को काफी खल रहा है। नक्सलियों को दीपक की जगह उपयुक्त और काबिल मेम्बर की तलाश है। नवंबर 2021 में एमपी के गढ़चिरौली पुलिस के हाथों राजनांदगांव जिले की सरहद पर दीपक को अपनी जान गंवानी पड़ी। इस घटना से नक्सल संगठन पूरी तरह से हिल गया। आज पर्यन्त भी दीपक की गैरमौजूदगी से होने वाले नुकसान से संगठन उबर नहीं पाया है। नक्सलियों ने पुलिस से निपटने के लिए सीसी कंपनी को तैयार किया है।
सूत्रों का कहना है कि एमएमसी जोन में हुई घटना से नक्सल संगठन ने काफी कुछ सीखा है। लिहाजा एमएमसी जोन में सीसी कंपनी की मौजूदगी से खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। गुप्त एजेंसियों ने सरकार और पुलिस से सीसी कंपनी की अस्तित्व को लेकर पुख्ता प्रमाण भी दिए हैं। प्रमाणिक तौर पर सीसी कंपनी की चहल-कदमी राजनांदगांव जिले के नक्सल प्रभावित सरहदी गांवों में मिले हैं।
दीपक तिलतुमड़े के मारे जाने के बाद सीसी मेम्बरों की सुरक्षा में एक तरह से इजाफा करते कंपनी को जिम्मेदारी दी गई है। सूत्रों का कहना है कि सीसी कंपनी में बस्तर के भीतरी इलाकों में ट्रेंड किए गए हथियारबंद लड़ाकों को शामिल किया गया है। यह भी कहा जा रहा है कि सीसी कंपनी शीर्ष नेताओं की आवाजाही के दौरान भी सुरक्षा मोर्चे पर तैनात रहेगी। एमएमसी जोन में नक्सलियों के इस कदम से पुलिस भी अलर्ट हो गई है।
दीपक तिलतुमड़े जैसे एक खूंखार नक्सली के मारे जाने के बाद संगठन फूंक-फंूककर कदम रख रहा है। इसके पीछे नक्सल संगठन अब किसी बड़े नेता को गंवाना नहीं चाहता है। ऐसे में नक्सलियों ने सीसी मेम्बरों की सुरक्षा पर ठोस पहल करते उनकी देखभाल पर खासा जोर दिया है। दीपक तिलतुमड़े की जगह फिलहाल कुछ नए नक्सल नेताओं के नाम अंदरूनी तौर पर चर्चा में हैं। अधिकृत रूप से पुलिस के पास दीपक के स्थान पर एमएमसी जोन प्रभारी के रूप में नई नियुक्ति होने की खबर नहीं है। एमएमसी जोन के दायरे में राजनंादगांव का पूरा जिला शामिल है।
नक्सलियों को एमएमसी जोन सुरक्षा और अन्य गतिविधियों के लिहाज से मजबूत ठिकाना है। रेड कारीडोर के लिए यह इलाका नक्सलियों के लिए मुफीद है। सीसी कंपनी के घेराबंदी में रहने से नक्सल नेता बेखौफ संगठन को मजबूत करने की रणनीति बना सकते हैं। मनोवैज्ञानिक रूप से भी नक्सल नेताओं को सुरक्षा मिलने से कामकाज में दक्षता बढऩे की उम्मीद भी बढ़ गई है। पुलिस ने हाल ही के वर्षों में नक्सलियों को हर मोर्चे पर अपनी गोली से ढेर किया है। नक्सलियों के सामने नई भर्ती नहीं होना भी एक चुनौती है।
राजनंादगांव और कवर्धा जैसे नक्सल जिलों में नक्सली आदिवासियों के बीच कई तरह के लोकलुभावने अभियान चला रहे हैं, लेकिन नक्सल संगठन में जाने से युवा कतरा रहे हैं। यह पुलिस के लिए अच्छी खबर है, लेकिन प्रमुख नक्सल रणनीतिकारों की उपस्थिति से पुलिस को हमेशा खतरा रहेगा। बहरहाल सीसी कंपनी का गठन कर नक्सलियों ने एक तरह से अपने वर्चस्व और लड़ाई को आगे ले जाने का इरादा जाहिर किया है।