राजनांदगांव
फोटो - घुमरिया बैराज (फाईल फोटो)
नांदगांव के सबसे बड़े बैराज मोंगरा में सिर्फ 10 फीसदी पानी का भराव, दूसरे बांध में पुरानी स्थिति
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 3 जुलाई। आषाढ़ का आधा महीना बीत रहा और बड़े बांध-बैराज खाली पड़े हैं। नांदगांव के सबसे बड़े बैराज मोंगरा बैराज समेत अन्य जलाशय मानसूनी बारिश का इंतजार कर रहे हैं। जलाशयों में पानी नहीं होने से इसका सीधा असर कृषि में पड़ेगा। सिर्फ मोंगरा बैराज में ही 10 फीसदी बरसाती पानी का भराव हुआ है। दूसरे जलाशयों की स्थिति अब भी काफी कमजोर है।
आषाढ़ का आधा माह गुजर जाने के बाद भी मानसून की बेरूखी की वजह से बांध-बैराज खाली पड़े हुए हैं। हालांकि आसमान में काले मेघ छाने के बावजूद बारिश के कमजोर होने से गर्मी और उमस का असर अब भी बरकरार है। रविवार सुबह भी आसमान में काले बादलों का डेरा जमा हुआ है। दोपहर तक बारिश नहीं होने से तापमान में जहां गिरावट है। इधर किसान बीते दिनों हुए बारिश से राहत पाते किसानी कार्य में जुटे हुए हैं। मोंगरा जलाशय की क्षमता 32 मि. घन मी. है, जहां केवल 10 फीसदी बरसाती पानी का भराव हुआ है। ऐसे ही राजनंादगांव जिले के अन्य जलाशय और बैराज बारसाती पानी का इंतजार कर रहे हैं। जिले के सूखा नाला बैराज की क्षमता 11 मि.घन मी., खातूटोला की क्षमता 3.75 मि.घन मी., पिपरिया जलाशय की क्षमता 40.56 मि.घन मी., रूसे जलाशय की क्षमता 9.18 मि.घन मी., ढ़ारा जलाशय की क्षमता 5.08 मि.घन मी., मटियामोती जलाशय की क्षमता 36.48 मि.घन मी., मडियान जलाशय की क्षमता 11.59 मि.घन मी. एवं घुमरिया जलाशय की क्षमता 2.72 मि.घन मी. है। इन जलाशयों और बैराजों में बरसाती पानी का भराव नहीं हुआ है।
इधर आषाढ़ माह का एक पखवाड़ा बीतने को है और किसानों को तेज बाारिश का अब भी इंतजार है। पखवाड़ेभर पूर्व से मानसून का आगाज हो गया है। बावजूद इसके जिले में बारिश कमजोर हो गया है। इधर शुरूआती बारिश के बाद मौसम में फेरबदल के चलते तेज धूप और उमस से लोग अब भी हलाकान हो रहे हैं। कभी-कभी हल्की बारिश और कुछ घंटों के लिए होने वाली तेज बारिश से जहां लोगों को गर्मी और उसम से राहत मिल रही है। इधर मानसून के आगमन के बाद भी तेज बारिश नहीं होने से किसानों की चिंता भी बढऩे लगी है। जुलाई माह के दूसरे दिन शनिवार शाम को मानसून ने मेहरबानी दिखाते तेज बारिश हुई। वहीं कुछ घंटों की बारिश के बाद थमने से लोगों को गर्मी और उमस का अहसास होने लगा।