सुकमा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 8 जुलाई। जिले के कोंटा ब्लॉक के ग्राम पंचायत मुलाकिसोली ग्रेनाइट खदान के लिए फर्जी ग्राम सभा के माध्यम से प्रस्ताव पारित करने की बात सामने आ रही थी, जिसको लेकर ग्रामीणों ने भी आपत्ति दर्ज करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंप विरोध दर्ज करवाया।
ग्रामीणों ने आरोप लगाते कहा कि ग्राम सभा के पास अधिकार होता है कि ग्राम क्षेत्र में किसी भी प्रकार के कार्य के लिए ग्राम सभा की अनुमति की जरूरत होती है लेकिन यहां पर फर्जी ग्रामसभा के माध्यम से प्रस्ताव पारित किया गया है। ग्रामीण स्पष्ट कर रहे हैं कि खदान को लेकर किसी भी प्रकार का ग्राम सभा का आज तक कोई बैठक नहीं हुई है, ऐसे में जो ग्राम सभा का प्रस्ताव की बात कही जा रही है। ग्रामीणों के मुताबिक जिलाधिकारी से लीज की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगे, ऐसे अपील के साथ ज्ञापन सौंपा।
ग्रामीणों का कहना है कि उक्त गौण खनिज के उत्खनन हेतु हमारे गांव के खसरा क्रमांक 194, 196, 197, 198, 199, 201, 202, 204 एवं 205 कुल रकबा 39.149 हेक्टेयर एवं खसरा क्रमांक 148 रकबा 9.79 हेक्टेयर काबिज कास्त की निस्तार की भूमि प्रभावित होगी। जिसमें महुआ 73, बीजा 64, साजा 84 एवं तेन्दू 3292 वृक्ष है। प्रस्तावित भूमि और वृक्षों से हमारा निस्तार व लघु वनोपज का संग्रहण पीढिय़ों से रहा है। वनोपज के माध्यम से ही हम ग्रामवासी अपने एवं अपने परिवार का पालन-पोषण करते रहे हैं। पेसा अधिनियम 1996 की धारा 4 (ट) के तहत् पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति या खनन पट्टों को प्रदान करने के पूर्व ग्रामसभा या ग्राम पंचायत की सिफारिशों को आज्ञापक बनाती है और हमारी ग्रामसभा या ग्राम पंचायत के द्वारा कभी भी ग्रेनाईट गौण खनिज के उत्खनन की सिफारिश या ग्राम सभा नहीं की।