बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 11 जुलाई। बालोद जिले में चंदा हाथियों के सक्रिय दल ने अब तबाही मचाना शुरू कर दिया है। बालोद जिला मुख्यालय के 2 किलोमीटर के दायरे में यह हाथियों का दल प्रवेश कर चुका है और इसके बाद से संयुक्त जिला कार्यालय को भी अलर्ट मोड पर डाल दिया गया, इसके साथ ही लगभग दर्जन भर गांवों को अलर्ट पर रखा गया है। वन विभाग की टीम लगातार सक्रियता से हाथियों की मॉनिटरिंग कर रही है, वहीं एक मकान भी हाथियों के झुंड ने ध्वस्त किया, जिसके बाद से आम जनता में भय व्याप्त है।
इन जगहों पर अलर्ट
पहले तो प्रशासन द्वारा ग्रामीण इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया जाता था। अब संयुक्त जिला कार्यालय भी हाथियों के प्रभावित क्षेत्र में शामिल हो चुका है, इसके साथ-साथ ही ग्राम तालगांव, आदमाबाद विश्राम गृह, संयुक्त जिला कार्यालय, रक्षित आरक्षी केंद्र, झलमला, सिवनी, देऊरतराई, सेमरकोना, अंधियाटोला, देवारभाट, गस्तीटोला में अलर्ट जारी किया गया है।
मुख्यालय से 2 किलोमीटर की दूरी पर सक्रिय
हाथियों का यह दल संयुक्त जिला कार्यालय जिला मुख्यालय से 2 किलोमीटर की दूरी पर विचार कर रहा है। जलाशय किनारे इन्हें पेयजल इत्यादि की संपूर्ण सुविधाएं मिल पा रही है, जिसके कारण जलाशय के 30 क्षेत्रों को हाथियों के झुंड ने अपना डेरा बनाया हुआ है।
मार्ग किया बंद
मुख्य मार्ग में भी हाथियों की आवाजाही देखा जा रही है, जिसको लेकर हाथियों के वितरण के समय मार्ग को बंद कर दिया जा रहा है। वन विभाग की टीम लगातार जान माल की हानि ना हो इसको लेकर हाथियों की निगरानी कर रही है।
मकान किया ध्वस्त
हाथियों के इस दल ने ग्राम ताल गांव में राधेलाल ठाकुर के घर को ध्वस्त कर दिया है, जिसके बाद से यहां पर आम जनता में अपने जानमाल को लेकर भय व्याप्त है, हालांकि हाथियों के झुंड को रहवासी इलाके से दूर ले जाने वन विभाग द्वारा लगातार कोशिश की जा रही है परंतु अब तक सफलता नहीं मिल पाई है।
बाहर से टीम बुलाने की तैयारी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाथियों को रहवासी क्षेत्रों से पुन: जंगलों की ओर भेजने के लिए बाहर से टीम बुलाने की तैयारी की जा रही है, इससे पहले भी एक टीम बंगाल से बुलाई गई थी, परंतु उनमें सफलता हासिल नहीं हो पाई थी। हाथियों का आतंक अब क्षेत्र में बढ़ता जा रहा है और इनका प्रभाव क्षेत्र भी लगातार विस्तृत होता जा रहा है।