सुकमा
बस्तर फाइटर परीक्षार्थी लबालब पानी से होकर पहुंच रहे जिला मुख्यालय
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 15 जुलाई। गोदावरी नदी के उफान पर होने के कारण कोंटा नगर के नदी किनारे और डुबान क्षेत्रों में जलभराव से बाढ़ की स्थिति है। इस हालात से कुल 7 वार्ड अब बाढ़ की चपेट में हैं और 3 हजार लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकालकर 9 राहत केंद्रों में शिफ्ट किया गया। लोगों को कोई हताहत न हो, साथ ही उनके घरेलू संपत्ति को अधिक नुकसान न हो, इसके लिए प्रशासन दल बल के साथ मौके पर तैनात है।
एनएच से जुड़े कई इलाके में जलभराव हो चुका है और सडक़ अब तालाब में तब्दील हो चुकी है, वहीं सीआरपीएफ की 212वीं बटालियन के मुख्यालय में पानी पूरी तरह घुस चुका है, जिसके चलते लगभग डेढ़ सौ जवानों को सुरक्षित जगह में शिफ्ट कराया गया, इसके साथ-साथ हथियारों और सामानों की भी शिफ्टिंग दूसरे इलाकों में की गई।
कलेक्टर हरिस. एस के निर्देशानुसार एसडीएम कोंटा बनसिंह नेताम और जनपद सीईओ कोंटा कैलाश कश्यप अपनी पूरी टीम के साथ बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में राहत कार्य में जुटे हुए हैं। सुबह से ही कोटा एसडीएम व जनपद सीईओ उन बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेते नजर आते रहे हैं, जहां सबसे ज्यादा प्रभाव रहा और राहत बचाव कार्य का मोर्चा संभाले हुए हैं।
सीईओ जनपद कोंटा कश्यप ने बताया कि अब तक लगभग 3000 लोगों को राहत केंद्रों तक सुरक्षित पहुंचाया जा चुका है। कोंटा में आए बाढ़ के दृष्टिगत 9 राहत केंद्र बनाए गए है, जहां लोगों को सुरक्षित लाया जा रहा है।
आईटीआई कोंटा, स्वामी आत्मानंद स्कूल, चैतन्य स्कूल, हाई स्कूल कोंटा, शिशु मंदिर कोंटा, महाविद्यालय भवन कोंटा, पंचायत भवन ढोंडरा, वन धन केंद्र ढोंडरा तथा पोटकेबीन बंडा को राहत केंद्र बनाया गया है। प्रशासन एवं पुलिस विभाग तथा नगर सेनानी के संयुक्त टीम के द्वारा बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों की नियमित मॉनिटरिंग एवं राहत कार्य किया जा रहा है। ताकि कोंटावासियों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े ।
कोंटा अब टापू में तब्दील,
चारों तरफ पानी ही पानी
कोंटा मुख्यालय के कुल 7 वार्ड जलमग्न हो चुके हैं, इसके अलावा जगह-जगह जलभराव की स्थिति है, जहां लोगों को नाव के जरिए निकालकर शिफ्ट कराया गया। वहीं इन दिनों कोंटा टापू में तब्दील हो चुका है, क्योंकि आंध्र प्रदेश जाने वाले रास्ते चट्टी में बीते कई दिनों से जलभराव है, वहीं कोंटा से सुकमा के बीच इंजराम पुल में 5 फीट ऊपर से पानी बह रहा है। इंदिरा कैंप के पास भी अब 3 फीट से ऊपर पानी भर चुका है जिसके चलते ना केवल कोंटा बल्कि कोंटा से लेकर इंजरम तक के इलाके और टापू में तब्दील हो चुके हैं, हालांकि इंजराम में यदि कोई फंसा हो तो उनके निकलने के लिए एक विकल्प फिलहाल उपलब्ध है जो कच्चे रास्तों से होकर गुजरता है।
हरीश कवासी ने लिया बाढ़ प्रभावित इलाके का जायजा
कोंटा के ज्यादातर इलाकों में पानी भर चुका है, जहां प्रशासन अब राहत शिविरों में बाढ़ पीडि़तों को शिफ्ट करने की तैयारी कर रहा है और कईयों की शिफ्टिंग करवा चुका है, ऐसे में बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेने जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी पहुंचे और ग्रामीणों से मिलकर उनका हालचाल जाना। हरीश के साथ-साथ जनपद उपाध्यक्ष माड़वी देवा और दोरनापाल नगर पंचायत उपाध्यक्ष युथपती यादव भी मौजूद रहे।
हरीश कवासी ने एनएच मार्ग बाधित होने के कारण इलाके में फंसे वाहन चालकों से भी चर्चा की और उन्हें भी हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इसके साथ ही यह कहा कि उन्हें किसी तरह की जरूरत हो तो वह निसंकोच होकर बताएं, हर संभव मदद किया जाएगा और हरीश क़वासी ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ भी चर्चा किया और उन्हें आपदा की इस मुश्किल घड़ी में प्रशासन बाढ़ पीडि़तों की मदद करने के निर्देश दिए।
बस्तर फाइटर की परीक्षा के लिए लबालब पानी से भिड़े युवा
जिले में बस्तर फाइटर्स के भर्ती की प्रक्रिया इन दिनों जारी है और सुकमा के अंतिम छोर में बाढ़ का प्रभाव भी ऐसे में बस्तर फाइटर के इच्छुक युवाओं में भर्ती को लेकर चिंता सताने लगी, जिसके बाद युवा आने वाले दिनों का इंतजार किए बिना जिला मुख्यालय पहुंचने का इंतजाम खुद ही करते नजर आए, क्योंकि रविवार को 568 इच्छुक बस्तर फाइटर्स की भर्ती के लिए परीक्षा है और वर्तमान में एनएच 30 पर 4 से 5 फीट तक पानी भर आया है। आने वाले दिनों में ना जाने कैसे हालात होंगे, इसलिए कई युवा जो एनएच-30 पर घंटों पानी के उतरने का इंतजार करते नजर आ रहे थे, उन्होंने आखिरकार 4 से 5 फीट सडक़ पर भरे पानी से होकर सुकमा मुख्यालय पहुंचने का निर्णय लिया और पानी को पार किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता अमन भदोरिया मौके पर बाढ़ की स्थिति के कवरेज पर थे, जिन्हें परीक्षार्थियों ने बताया कि रविवार को बस्तर फाइटर की भर्ती को लेकर एग्जाम है और वहां वक्त पर पहुंचना जरूरी है। बाढ़ का पानी न जाने कब बढ़ जाए, इसको देखते हुए ही हम वक्त रहते यहां से निकलना चाह रहे हैं, ताकि एग्जाम सेंटर में लेटलतीफी न हो, इसलिए हर हालात में हम सुकमा मुख्यालय पहुंच रहे हैं।
इस पर ‘छत्तीसगढ़’की टीम ने सुकमा एसपी से फोन पर चर्चा की। जिस पर सुकमा एसपी सुनील शर्मा ने बताया कि बस्तर फाइटर की भर्ती के लिए रविवार को परीक्षा है, कोंटा क्षेत्र के जलभराव वाले इलाकों के ज्यादातर लोग जो एडमिट कार्ड लेने आए हुए थे, उन्हें सुकमा मुख्यालय में ही रोक लिया गया है ताकि वह किसी तरह से बाढ़ में न फंस जाएं और परीक्षा से वंचित न रह जाएं। ज्यादातर लोग एडमिट कार्ड ले चुके हैं, उन्हें पुलिस अपनी व्यवस्था पर रखी है जहां रहने-खाने की पूरी व्यवस्था हमारे द्वारा करवाई गई है।