सुकमा
पुल लबालब होने से रास्ते से लौटे मंत्री, बोले हर मदद करूंगा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 16 जुलाई। सुकमा जिले के अंतिम छोर कोंटा ब्लॉक में बाढ़ की स्थिति अभी निर्मित है लगभग 10 वार्डों में पानी भर चुका है और राहत केंद्र में लगभग 3000 लोगों को शिफ्ट किया गया है । इस बीच दो तस्वीर चर्चा में आ गई-पहली तस्वीर में कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा पिकअप में नाला पार कर रहे हैं और दूसरी तस्वीर में प्रशासन के अधिकारी जिसमें कलेक्टर-एसपी ट्रैक्टर के माध्यम से नाला पार कर रहे हैं। यह स्थिति लगातार बाढ़ की वजह से बनी है, इस पूरे हालात का जायजा लेने पहुंचे हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर मंत्री कवासी लखमा सुकमा जिले पहुंचे। हालांकि उन्हें हेलीकॉप्टर के माध्यम से कोंटा पहुंचना था, लेकिन मौसम की खराबी की वजह से बाय रोड कोंटा के लिए निकले। इस दौरान एर्राबोर के बीच नाले में कुछ इस तरह पानी भर गया कि वहां पर बोर्ड भी नहीं चलाई जा सकती थी, ऐसी स्थिति में मंत्री कवासी लखमा पिकअप में वहीं कलेक्टर-एसपी ट्रैक्टर के माध्यम से लबालब भरे पुल को पार किया, लेकिन आगे दो अन्य पुल में बेहद ज्यादा जलभराव की स्थिति होने के कारण मंत्री कवासी लखमा को रास्ते से ही वापस लौटना पड़ा।
मंत्री कवासी लखमा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर मैं बाढ़ प्रभावित इलाके का जायजा लेने आया हूं। कोंटा विधानसभा क्षेत्र मेरा परिवार है और मुझे अपने परिवार की चिंता है। जो लोग बाढ़ प्रभावित हैं, उनके लिए मैं चिंतित हूं। बाढ़ प्रभावित इलाके में हरसंभव मदद का प्रयास किया जा रहा है। लोगों को राहत केंद्र में शिफ्ट किया जा रहा है, उनके रहने खाने की व्यवस्था की गई है। मैंने प्रशासन के साथ-साथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भी कहा है कि हर एक व्यक्ति की मदद करें, उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो, इसका ध्यान रखें। जल्द से जल्द बाढ़ प्रभावित लोगों को उनके नुकसान के अनुरूप मुआवजा राशि मुहैया कराई जाएगी। मैंने हालात की रिपोर्ट मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दे दी है।
मंत्री कवासी लखमा ने अपील करते हुए कहा कि इस आपदा की घड़ी में नेता कर्मचारी अधिकारी विपक्षी दल पत्रकार मीडिया के साथी एवं अन्य लोगों को मुसीबत में रहने वाले लोगों की मदद के लिए सामने आना चाहिए ।
बाढ़ पीडि़तों के लिए मंत्री ने भेजा राशन व राहत सामग्री
बस्तर का अंतिम छोर इन दिनों बाढ़ की मार झेल रहा है, क्योंकि गोदावरी 1986 के बाद पहली बार अपना इस तरह का रौद्र रूप दिखा रही है, जिसकी मार शबरी में पड़ रहा है और इससे कोंटा के लगभग 10 वार्डों में पानी भर चुका है। प्रशासन इन दिनों अलर्ट पर है और 3000 लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है और उनके रहने खाने की व्यवस्था भी वही की गई है।
पूरे हालात का जायजा लेने मंत्री कवासी लखमा सुकमा जिले में पहुंचे और बाढ़ पीडि़तों के लिए राहत सामग्री जिसमें राशन और अन्य सामग्री है, इसके अलावा कोंटा में रेस्क्यू के लिए बोट के साथ-साथ लाइफ जैकेट भी कुंडा के लिए भेजा इससे बाढ़ पीडि़तों के रेस्क्यू में बेहद मदद मिलेगी और राशन की किल्लत भी दूर होगी।
मंत्री कवासी लखमा ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि बस्तर के 3 जिलों में बाढ़ का प्रभाव है जिसको लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चिंतित हैं उन्होंने मुझे निर्देश दिया है कि बाढ़ प्रभावित इलाके का जायजा लें अधिकारियों के साथ इसकी समीक्षा करें और अंतिम व्यक्ति तक मदद पहुंचाने के निर्देश दिए हैं कोटा विधानसभा के लोग मेरे परिवार हैं और इस आपदा के अवसर में मैं उनके साथ हूं किसी को भी किसी तरह की दिक्कत होगी तो हम हर संभव मदद पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। पुलिस प्रशासन मीडिया सभी बेहतर तरीके से राहत बचाव के काम में जुटे हुए हैं इसके लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं मेरी यह अपील है कि विपक्ष भी आपदा की इस घड़ी में सामने आकर मदद का हाथ बढ़ाएं। हम सब एक होकर इस मुसीबत की घड़ी को पार कर जाएंगे।