दन्तेवाड़ा

लोक अदालत में 2255 प्रकरण निपटे
17-Aug-2022 9:47 PM
लोक अदालत में 2255 प्रकरण निपटे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 17 अगस्त।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार में आयोजित होने वाले  राष्ट्रीय लोक अदालत के अनुक्रम में मुख्य संरक्षक छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाकर राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सहमति व सुलह समझौता से निराकृत किये गये हैं। उक्त लोक अदालत में प्रकरणों के पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यमों से उनकी उपस्थिति में निराकृत किये जाने के अतिरिक्त स्पेशल सिटिंग के माध्यम से भी पेटी ऑफेंस के प्रकरणों को निराकृत किये गये हैं।

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के आदेशानुसार द्वितीय शनिवार को जिला एवं सत्र न्यायालय दंतेवाड़ा, किशोर न्याय बोर्ड दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर के व्यवहार न्यायालय में तथा तीनों राजस्व जिला दंतेवाड़ा, सुकमा एवं बीजापुर के राजस्व न्यायालयों में एक साथ नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी के निर्देशानुसार इस लोक अदालत के लिए कुल 08 खण्डपीठ का गठन किया गया था। इसमें प्री-लिटिगेशन के बैंक, विद्युत, नलजल, बीएसएनएल एवं राजस्व न्यायालयों को मिलाकर कुल 3382 रखे गये थे, जिनमें से कुल 1778 मामले निराकृत हुए, जिसमें प्री-लिटिगेशन के कुल-4777511/- रू. राशि का अवार्ड पारित किया गया।

इसी प्रकार न्यायालय में लंबित नियमित मामले कुल 605 रखे गये थे जिनमें से कुल- 447 मामलों का निराकरण करते हुए कुल 15165728/- रू. राशि का एवार्ड पारित किया गया। इस प्रकार सभी मिलाकर इस लोक अदालत में कुल 3987 प्रकरण रखे गये थ, जिसमें से कुल 2225 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 19943239/- रू. का अवार्ड पारित किया गया । उक्त लोक अदालत वर्चुअल एवं भौतिक दोनों रूप में आयोजित किया गया था।

नेशनल लोक अदालत में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण दंतेवाड़ा के खण्डपीठ क्रमांक 1 के पीठासीन जिला एवं सत्र न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी के न्यायालय के मोटर दुर्घटना दावा/ सिविल प्रकरणों में कुल 03 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल राशि 2120000/- रू. का अवार्ड पारित किया गया। श्री प्रवीण कुमार प्रधान, प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दंतेवाड़ा के न्यायालय से कुल - 5 दावा प्रकरणों का निराकरण करते हुए 2825000/- रू. का अवार्ड पारित किया गया।

दीपक कुमार देशलहरे, द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दंतेवाड़ा के न्यायालय से कुल 6 प्रकरण का निराकरण करते हुए 4300000/- रू. का अवार्ड पारित किया गया।

 शान्तनु देशलहरे, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नक्सल कोर्ट, दंतेवाड़ा के न्यायालय से कुल 05 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 3236000/- रू0 का अवार्ड पारित किया गया। श्री शैलेश शर्मा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफटीसी दंतेवाड़ा के न्यायालय से कुल-7 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 1340128/- रू0 का अवार्ड पारित किया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी बचेली के द्वारा भी अधिक से अधिक मामलें इस लोक अदालत में राजीनामा हेतु रखे गये और कुल- 422 रेगुलर मामलों का निराकरण किया गया।

सफल कहानी के अंतर्गत श्री शैलेश शर्मा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफटीसी दंतेवाड़ा के न्यायालय से एक पारिवारिक विवाद के मामले में आज नेशनल लोक अदालत में माननीय जिला न्यायाधीश  अब्दुल जाहिद कुरैशी एवं सुलहकर्ता सदस्यगण तथा सुखराम कश्यप अधिवक्ता दंतेवाड़ा के द्वारा समझाईश दिए जाने पर दोनों पति पत्नी पारस्परिक सहमति के आधार पर और अपने पुत्र के उज्जवल भविष्य के लिए साथ-साथ रहना स्वीकार किए और विवाह विच्छेद की याचिका वापस ले लिए। उनके मध्य कोई विवाद नहीं रह गया। उनका पारिवारिक विवाद का आज न्यायालय में ही समाधान हुआ और न्यायालय से ही साथ साथ घर गये।

 इसी प्रकार उक्त माननीय न्यायालय के एक अन्य मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण में बम  विस्फोट से मृत्यु के मामले में मृतक के पत्नी और पुत्री ने बीमा कंपनी के विरुद्ध क्षतिपूर्ति का मामला प्रस्तुत किया था जिसमें माननीय न्यायालय के पीठासीन अधिकारी द्वारा समझाईश दिए जाने पर संबंधित बीमा कंपनी दी न्यू इंडिया इं0कं0लि0 के द्वारा 500000/-रू. की क्षतिपूर्ति आज ही देना स्वीकार किया गया जिसे 30 दिन के भीतर मृतक के वारीसों को देने की सहमति बनी । इस प्रकरण में क्षितिज दुबे एवं आर.एन. ठाकुर भी समझाईश दिए।

इसी प्रकार उक्त माननीय न्यायालय के एक सिविल निष्पादन प्रकरण 188000/-रू. की राशि की वसूली के लिए मामला लंबित था जिसमें माननीय न्यायालय के पीठासीन अधिकारी द्वारा समझाईश दिए जाने पर 40000/-रू. में निष्पादन प्रकरण का समझौता हुआ जिसे 04 किश्त में पक्षकार द्वारा भुगतान किया जायेगा शेष राशि को संबंधित कंपनी द्वारा परित्याग कर दिया गया ।

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